ब्लैक लंग डिजीज एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी है, जो कोयले की धूल के लगातार संपर्क में आने से होती है। इसे CWP (Coal Workers' Pneumoconiosis) भी कहा जाता है। आइए सीनियर फिजीशियन डॉ समीर से जानें इस बीमारी के कारण और उपाय के बारे में।
बीमारी कैसे होती है?
कोयले की धूल सांस के जरिए फेफड़ों में जमा हो जाती है। समय के साथ सूजन और स्कार टिशू बनते हैं, जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता घटने लगती है।
ब्लैक लंग डिजीज के प्रकार
ब्लैक लंग डिजीज दो तरह की होती है - सिंपल और कॉम्प्लिकेटेड। सिंपल स्थिति में नुकसान कम होता है, जबकि कॉम्प्लिकेटेड में फेफड़ों को गंभीर और स्थायी नुकसान पहुंचता है।
शुरुआती लक्षण
शुरुआत में व्यक्ति को सीने में जकड़न, सांस लेने में परेशानी और सूखी खांसी जैसे लक्षण महसूस होते हैं। ये धीरे-धीरे बढ़ते हैं।
गंभीर लक्षण
गंभीर स्थिति में काले रंग का थूक, सीने में भारीपन, जलन, और फेफड़ों में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सांस फूलने लगती है।
कारण क्या हैं?
कोयले की खान में प्रदूषित वातावरण, लगातार धूल के संपर्क में रहना, और बिना सुरक्षा उपकरण के काम करना इस बीमारी के मुख्य कारण हैं।
जांच कैसे होती है?
डॉक्टर सीने का एक्स-रे, CT स्कैन, और पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट करते हैं ताकि फेफड़ों की स्थिति और बीमारी की गंभीरता पता चल सके।
इलाज क्या है?
इसका स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कंट्रोल किया जाता है। इनहेलर, दवाइयों और लंग ट्रांसप्लांट की सलाह गंभीर मामलों में दी जाती है।
कोयले की धूल से बचाव करें, मास्क पहनें, समय-समय पर मेडिकल जांच करवाएं। स्मोकिंग से बचें और साफ हवा में समय बिताना जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com