विटिलिगो एक त्वचा रोग है जिसमें शरीर पर सफेद धब्बे उभरते हैं। कई लोग इस समस्या से पीड़ित होते हैं। आइए डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अस्मिता कपूर से जानते हैं सफेद दाग की समस्या क्यों होती है?
मेलेनिन का महत्व
मेलेनिन त्वचा को उसका प्राकृतिक रंग देता है। जब मेलानोसाइट्स मेलेनिन बनाना बंद कर देते हैं, तो त्वचा पर सफेद दाग या पैच उभरने लगते हैं।
विटिलिगो के प्रकार
विटिलिगो दो प्रकार का होता है: नॉन-सेगमेंटल और सेगमेंटल। दोनों की पहचान, असर और कारण अलग-अलग होते हैं, जिनका इलाज भी अलग तरीके से होता है।
नॉन-सेगमेंटल विटिलिगो
यह विटिलिगो शरीर के दोनों ओर समान रूप से धब्बे बनाता है। अक्सर यह कोहनी, घुटनों, आंखों के आसपास, और हाथों की त्वचा पर नजर आता है।
सेगमेंटल विटिलिगो
इसमें सफेद धब्बे शरीर के एक हिस्से तक सीमित रहते हैं। यह कम आम होता है और आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में शुरू होता है।
ऑटोइम्यून कारण
नॉन-सेगमेंटल विटिलिगो को एक ऑटोइम्यून रोग माना जाता है, जिसमें इम्यून सिस्टम खुद की मेलानोसाइट्स को पहचान नहीं पाता और उन्हें नष्ट करने लगता है।
जोखिम कारक
परिवार में विटिलिगो का इतिहास, ऑटोइम्यून बीमारियां, डिलीवरी के बाद, तनाव, स्किन इंजरी या सनबर्न - ये सभी विटिलिगो के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
शुरुआती लक्षण
त्वचा पर हल्के सफेद धब्बे दिखना विटिलिगो की शुरुआत हो सकती है। अगर समय रहते इलाज हो, तो स्थिति को कंट्रोल में लाना संभव है।
विटिलिगो का इलाज संभव है। शुरुआती स्टेज में टॉपिकल क्रीम, लाइट थेरेपी और मेडिकल सलाह से काफी हद तक सुधार पाया जा सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com