अगर आपको बार-बार पेट में जलन, खट्टी डकारें या भूख के बाद तेज दर्द होता है, तो ये पेप्टिक अल्सर के लक्षण हो सकते हैं। यह पेट या आंत की अंदरूनी परत में होने वाला जख्म (ulcer) होता है।
डॉक्टर से जानें
पेप्टिक अल्सर बीमारी के बारे में विस्तार से जानने और इसके लक्षणों की पहचान के लिए हमने डॉ. अरविंद कुमार खुराना (फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम) से बात की।
अल्सर किन अंगों को प्रभावित करता है?
यह रोग पेट (गैस्ट्रिक अल्सर), छोटी आंत के पहले भाग (डुओडेनल अल्सर) और कभी-कभी अन्नप्रणाली को भी प्रभावित करता है, जिससे पाचनतंत्र में जलन और क्षति हो सकती है।
क्यों होता है पेप्टिक अल्सर?
तेज मिर्च-मसालेदार खाना, धूम्रपान, अल्कोहल, स्ट्रेस, दर्द निवारक दवाओं का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल और H. Pylori बैक्टीरिया इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं।
शुरुआत में दिखने वाले लक्षण
भोजन के तुरंत बाद या 2-3 घंटे बाद पेट में जलन, खट्टी डकारें, ऊपरी पेट में दर्द और बार-बार मतली या उल्टी आना शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
गंभीर लक्षण क्या हैं?
अगर समय पर इलाज न हो तो पेट में सूजन, खून की उल्टी, वजन कम होना और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखते हैं जो गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हैं।
कैसे होती है जांच?
लक्षणों की पहचान के साथ एंडोस्कोपी द्वारा अल्सर की पुष्टि की जाती है। साथ ही, H. Pylori बैक्टीरिया की जांच से सही कारणों का पता लगाया जाता है।
अल्सर से बचने के उपाय
ज्यादा मिर्च-मसाला, तला-भुना और अल्कोहल का सेवन न करें। सबसे जरूरी बात बिना डॉक्टरी सलाह की दवाएं न लें और हाइजीन का ध्यान रखें।
अगर आपको बार-बार सीने में जलन, उल्टी, खून की उल्टी, भूख की कमी और वजन में गिरावट हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और जांच कराएं। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com