बालतोड़ त्वचा में होने वाला एक संक्रमण है, जिसमें बालों की जड़ पर सूजन और मवाद भरी गांठ बन जाती है। बालतोड़ के कारण जानने के लिए हमने डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर टी.ए राणा से बात की। तो आइए समझते हैं उनसे इस बारे में।
बालतोड़ के प्रकार
आपको बता दें कि बालतोड़ तीन प्रकार के होते हैं। सबसे पहला प्रकार होता है नासूर, जिसमें बालों के रोम का एक ग्रुप मौजूद होता है, जिसके कारण गांठ बन जाती है और उसमें मवाद बनने लगता है। यह गांठ बड़ी और पीड़ादायक हो सकती है और बिना इलाज के फोड़े में बदल सकती है।
दूसरा प्रकार- हिड्राडेनाइटिस सुपराटीवा
यह ऐसी जगह होता है जहां त्वचा आपस में रगड़ती है, जैसे बगल या जांघों में। यहां फोड़े बनते हैं, मवाद भरता है और व्यक्ति को चलने-फिरने में भी दर्द होता है।
तीसरा प्रकार- पायलोनीडल सिस्ट
यह गंदगी और बैक्टीरिया के कारण होता है, खासकर कमर और हिप के बीच। इसमें सूजन, मवाद और तेज दर्द होता है और बैठने में भी दिक्कत आती है।
बालतोड़ के कारण
जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें बैक्टीरिया जल्दी प्रभावित करता है। इससे स्किन इन्फेक्शन और बालतोड़ होने की संभावना अधिक होती है।
मधुमेह रोगी
डायबिटीज (मधुमेह) वाले लोगों में त्वचा जल्दी संक्रमित होती है। शुगर का असंतुलन घावों को जल्दी भरने नहीं देता, जिससे बालतोड़ जैसी समस्याएं बार-बार हो सकती हैं।
सफाई की कमी
त्वचा की नियमित सफाई न करने से पोर्स बंद हो जाते हैं और बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इससे बाल कूप में संक्रमण होता है और बालतोड़ जैसी समस्या शुरू हो जाती है।
स्टेफिलोकोक्कस बैक्टीरिया
यह बैक्टीरिया त्वचा की किसी छोटी खरोंच या घाव से शरीर में प्रवेश करता है। यह बाल कूप में इन्फेक्शन पैदा करता है, जिससे बालतोड़ बन जाता है।
अगर बालतोड़ में मवाद अधिक हो, लगातार दर्द बना रहे या बुखार आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com