बरसात के मौसम में आते ही कई फल बाजार में दिखते हैं। इनमें से एक है शहतूत जिसे मलबरी भी कहा जाता है। लेकिन इसे मानसून में खाना फायदेमंद होता है या नहीं। आइए जानें मानसून में शहतूत खाने से क्या होता है।
शहतूत में पोषण
शहतूत में विटामिन सी, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। यह टेस्ट में खट्टा मीठा होता है और शरीर को ठंडक देता है।
मानसून में पाचन कमजोर
मानसून में हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम स्लो हो जाता है। इसलिए हर चीज को खाने से पहले पेट का ध्यान रखना पड़ता है। खासकर ऐसे फल जो जल्दी खराब हो सकते हैं।
क्या शहतूत मानसून में सुरक्षित है?
अगर शहतूत फ्रेश और साफ हो, तो आप इसे मानसून में खा सकते हैं। लेकिन ज्यादा मात्रा या खराब फल खाने से परहेज करना जरूरी है।
शहतूत के फायदे
शहतूत खाने से शरीर की इम्यून पावर बढ़ती है। इसमें मौजूद गुन सर्दी-खांसी से बचाव में मदद करते हैं।
ऐसे खाएं
शहतूत को खाने से पहले अच्छे से साफ करें। गुरे या कटे फटे फल न लें। बाजार में खुले में रखे फलों को खरीदते समय उनकी ताजगी का ध्यान रखें।
कब नहीं खाना चाहिए शहतूत?
जिन लोगों को सर्दी, खांसी या गला खराब की दिक्कत है वे शहतूत से बचें। यह कफ बढ़ा सकता है जिससे तबीयत और बिगड़ सकती है।
कितना और कब खाएं?
शहतूत को दिन में थोड़ी सी मात्रा में खाएं। रात को खाने से बचें क्योंकि इससे डाइजेशन पर खराब असर हो सकता है।
मानसून में शहतूत को सही मात्रा में खाना फायदेमंद हो सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com