आजकल मोबाइल, लैपटॉप, और टीवी का इस्तेमाल बढ़ गया है, और इसका असर हमारी आंखों की सेहत पर पड़ रहा है। आंखों में जलन, थकावट, और धुंधला दिखना अब आम समस्याएं बन चुकी हैं। ऐसे में आइए डॉ. ऋषि भारद्वाज से जानते हैं स्क्रीन टाइम कितना होने चाहिए।
बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम की सीमा
बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम को सीमित रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह उनकी आंखों और दिमाग के विकास को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं, किस उम्र में कितना स्क्रीन टाइम ठीक रहेगा।
2 साल से कम उम्र के बच्चे
इस उम्र के बच्चों को स्क्रीन से पूरी तरह दूर रखना चाहिए। इस उम्र में आंखों और दिमाग का विकास बहुत तेजी से होता है, और स्क्रीन इसे प्रभावित कर सकती है।
2-5 साल के बच्चे
इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम को एक घंटे तक सीमित करना चाहिए। इस दौरान पढ़ाई से संबंधित और इंटरैक्टिव कंटेंट पर ध्यान दें।
स्कूल जाने वाले बच्चे
इन बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम 2 घंटे तक ही रखना चाहिए। पढ़ाई के दौरान हर 20 मिनट में एक छोटा ब्रेक लेना फायदेमंद होता है।
वयस्कों के लिए स्क्रीन टाइम
अगर काम के लिए ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताना हो, तो हर घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लें। मनोरंजन के लिए 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम से बचें।
आंखों के लिए आसान टिप्स
स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आंखों में तनाव बढ़ सकता है। स्क्रीन को आंखों के लेवल पर रखें और हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए दूर की किसी चीज को देखें।
आंखों पर स्क्रीन टाइम का असर
बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम से आंखों में थकावट, सिरदर्द, और नींद में समस्या हो सकती है। बच्चों में इससे ध्यान और फोकस करने पर भी असर पड़ सकता है।
स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करना आंखों की सेहत के लिए जरूरी है। बच्चों और वयस्कों को सही दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और आंखों की नियमित जांच करानी चाहिए। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com