नसों में हवा के बुलबुले चले जाएं तो इसे एयर एम्बोलिज्म कहते हैं। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है और तुरंत इलाज जरूरी होता है। ऐसे में आइए डॉक्टर गौरव कुमार से जानते हैं इसके कारण और इलाज के बारे में।
आम गैस और नसों की गैस में फर्क
पेट में गैस आम है, लेकिन जब गैस नसों या धमनियों में बनती है, तो यह शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को बाधित कर सकती है।
नसों में कैसे पहुंचती है हवा?
इंजेक्शन के जरिए, स्कूबा डाइविंग, या फेफड़ों की चोट से नसों में हवा के बुलबुले पहुंच सकते हैं, जिससे एयर एम्बोलिज्म होता है।
गहरे पानी में खतरा
तेजी से सतह पर लौटने वाले स्कूबा डाइवर्स को एयर एम्बोलिज्म का खतरा ज्यादा होता है। शरीर में अचानक गैस बन सकती है।
एयर एम्बोलिज्म के संकेत
सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, भ्रम, त्वचा का नीला पड़ना - ये लक्षण गंभीर स्थिति दर्शाते हैं।
ब्लड फ्लो में रुकावट
गैस के बुलबुले नसों में ब्लॉकेज पैदा कर सकते हैं, जिससे हार्ट स्ट्रोक, ब्रेन डैमेज और फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
किन कारणों से होता है?
इंजेक्शन में लापरवाही, गलत डाइट, कुछ बीमारियां, या हवा निगलना भी एयर एम्बोलिज्म का कारण बन सकते हैं।
कैसे होती है जांच?
डॉक्टर CT स्कैन या अल्ट्रासाउंड से ब्लड सर्कुलेशन की जांच करते हैं और लक्षणों के आधार पर इलाज की योजना बनाते हैं।
सावधानी से इंजेक्शन लगवाएं, डाइट सही रखें, स्कूबा डाइविंग में प्रशिक्षित रहें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com