जब किसी व्यक्ति को अचानक गहरा इमोशनल या मानसिक झटका यानी सदमा (Shock) लगता है, तो उसका असर सिर्फ मन पर नहीं, शरीर पर भी दिखता है। ऐसे में कुछ खास लक्षण सामने आते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर से जानें
आइए सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर आरती आनंद से जानते हैं कि सदमा लगने पर शरीर में कौन-कौन से लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
जी मिचलाना
जब व्यक्ति को सदमा लगता है, तो उसकी मानसिक स्थिति इतनी प्रभावित होती है कि उसे अक्सर मतली या उल्टी जैसा महसूस होता है। यह शरीर के तनाव और मानसिक अस्थिरता की एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है।
दिमाग में उलझन
शॉक लगने पर व्यक्ति को अपने आसपास की चीजें समझने में कठिनाई होती है। वह बातों को ठीक से सोच नहीं पाता और उलझन महसूस करता है। उसे निर्णय लेने या सामान्य सोचने में दिक्कत होती है।
छाती में दर्द
इमोशनल या मानसिक शॉक के कारण व्यक्ति को छाती में भारीपन या दर्द महसूस हो सकता है। यह दिल पर पड़ रहे मानसिक दबाव की वजह से होता है और कई बार घबराहट से भी जुड़ा होता है।
चिंता महसूस करना
सदमे के बाद व्यक्ति के मन में डर और बेचैनी लगातार बनी रहती है। उसे भविष्य की चिंता सताने लगती है और वह हमेशा घबराया हुआ महसूस करता है, जिससे उसका मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है।
चक्कर आना
जब व्यक्ति को गहरा शॉक लगता है, तो ब्लड प्रेशर गिर सकता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं। यह दिमाग तक ऑक्सीजन की कमी के कारण होता है और व्यक्ति खुद को अस्थिर और कमजोर महसूस करता है।
तेज सांस लेना
सदमा लगने के बाद व्यक्ति की सांसें सामान्य से तेज हो जाती हैं। यह घबराहट, डर या तनाव की स्थिति में होता है, जहां शरीर का नर्वस सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है और सांसों की गति बढ़ा देता है।
दिल की धड़कनों का अनियमित होना
शॉक के असर से दिल की धड़कनों की गति तेज या अनियमित हो जाती है। यह स्थिति व्यक्ति को अधिक बेचैन कर सकती है और उसकी पूरी कार्यक्षमता पर असर डाल सकती है। यह गंभीर स्थिति भी बन सकती है।
सदमा लगने पर ये सारे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में समय रहते इलाज करना जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com