गर्दन की हड्डी, जिसे सर्वाइकल स्पाइन भी कहा जाता है, गर्दन में मौजूद होती है। यह शरीर को मस्तिष्क से जोड़ने का महत्वपूर्ण काम करती है और नसों व मांसपेशियों का एक जटिल नेटवर्क बनाती है।
सर्वाइकल स्पाइन की संरचना
सर्वाइकल स्पाइन में सात वर्टीब्रा होती हैं, जिन्हें सी1 से सी7 तक नामित किया जाता है। यह गर्दन को लचीलापन और सहारा देती हैं।
सर्वाइकल स्पाइन से जुड़ी समस्याएं
समय के साथ सर्वाइकल स्पाइन से जुड़ी समस्याएं आम हो जाती हैं। इनमें सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस और अन्य गंभीर स्थितियां शामिल हो सकती हैं।
दर्द और झुनझुनी
गर्दन में दर्द, झुनझुनी या सुन्नपन, सर्वाइकल स्पाइन की समस्या के सामान्य लक्षण हैं। यह दर्द सिर, कंधों और बाजुओं तक फैल सकता है।
मांसपेशियों की कमजोरी
अगर सर्वाइकल स्पाइन में कोई समस्या हो, तो मांसपेशियों तक संकेत पहुंचने में रुकावट हो सकती है, जिसके कारण हाथों या बाजुओं में कमजोरी महसूस हो सकती है।
अन्य गंभीर लक्षण
अगर आपको चलने में कठिनाई, संतुलन में गड़बड़ी, या पेशाब और मल त्याग में परेशानी हो, तो ये सर्वाइकल स्पाइन से संबंधित गंभीर समस्याओं के लक्षण हो सकते हैं।
समस्याओं के कारण
सर्वाइकल स्पाइन में परेशानियां अलग-अलग कारणों से हो सकती हैं। इनमें डिस्क हर्नियेशन (रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क का बाहर निकल आना) और स्पाइनल स्टेनोसिस (जब स्पाइनल कैनाल का संकरी हो जाना) शामिल हैं।
बचाव के उपाय
सर्वाइकल स्पाइन की समस्याओं से बचने के लिए, स्वस्थ वजन बनाए रखना और रोजाना व्यायाम करना बहुत जरूरी है। सही बॉडी पोस्चर बनाए रखना और भारी सामान उठाने से बचना भी मददगार हो सकता है।
अगर गर्दन में लंबे समय तक दर्द बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। सही समय पर इलाज से भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com