ई-सिगरेट, जो वेपिंग के नाम से जानी जाती है, दुनियाभर में युवाओं के बीच पॉपुलर हो रही है। शुरुआत में इसे सिगरेट का सुरक्षित विकल्प माना गया था, लेकिन यह भी सेहत को काफी नुकसान पहुंचाती है। आइए लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रम राउत से जानते हैं ई-सिगरेट फेफड़ों को कैसे नुकसान पहुंचाता है।
क्या है ई-सिगरेट?
ई-सिगरेट एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो लिक्विड को भाप में बदलता है। इससे सिगरेट जैसा एहसास होता है, लेकिन इसके कई खतरनाक असर हैं।
सेहत के लिए हानिकारक
ई-सिगरेट से दिल, फेफड़ों और मुंह की बीमारियों का खतरा होता है। यह कैंसर का कारण भी बन सकती है, जिससे आपकी सेहत पर गंभीर असर पड़ता है।
लिक्विड में निकोटिन
ई-सिगरेट्स में भरे जाने वाले लिक्विड में निकोटिन और अन्य खतरनाक केमिकल होते हैं। निकोटिन की लत लगने से स्वास्थ्य पर और भी गंभीर प्रभाव होते हैं।
युवाओं के लिए खास खतरा
निकोटिन टीनएज के दिमाग पर असर डालता है, जिससे मेमोरी पर बुरा असर पड़ता है। इसका लंबे समय तक इस्तेमाल मानसिक विकास में रुकावट डाल सकता है।
प्रेगनेंसी पर असर
प्रेगनेंसी के दौरान ई-सिगरेट का इस्तेमाल गर्भपात और बच्चे के मानसिक विकास में रुकावट का कारण बन सकता है।
खतरनाक केमिकल्स
कुछ ब्राण्ड्स में फॉर्मलडिहाइड और एंटीफ्रीज जैसे खतरनाक केमिकल्स होते हैं, जो कैंसर और अन्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
फेफड़ों पर असर
ई-सिगरेट में डाईएसिटाइल नामक खतरनाक तत्व फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। यह 'पॉपकॉर्न लंग' जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकता है।
ई-सिगरेट को सेहत के लिहाज से सुरक्षित नहीं माना जा सकता। इसके प्रयोग से विभिन्न शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के लिए जागरूक रहना जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com