पानी पीना सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन अगर इसे गलत तरीके से पिया जाए तो यह शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। खासकर खड़े होकर पानी पीने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद और वैज्ञानिक दृष्टिकोण दोनों ही बताते हैं कि बैठकर धीरे-धीरे पानी पीना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है।
डॉक्टर के अनुसार
तो आइए जनरल फिजिशियन डॉक्टर प्रभात रंजन सिन्हा से जानते हैं कि खड़े होकर पानी पीने से किन-किन बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
पाचन तंत्र को नुकसान
खड़े होकर पानी पीने से पानी तेजी से पेट में जाता है और पाचन तंत्र पर दबाव डालता है। इससे गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
किडनी पर बुरा असर
इस आदत से पानी बिना पूरी तरह साफ हुए किडनी से निकल जाता है। इसकी वजह से किडनी संक्रमण और मूत्र संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
अर्थराइटिस का खतरा
खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों में तरल का असंतुलन होता है। इससे भविष्य में अर्थराइटिस की समस्या पैदा हो सकती है, जो जोड़ों के लिए खतरनाक है।
आंतरिक अंगों को क्षति
तेजी से बहता पानी पेट की दीवारों और अंगों को नुकसान पहुंचाता है। बार-बार ऐसा करना पाचन तंत्र को कमजोर बना देता है।
एसिड लेवल नियंत्रित नहीं होता
आयुर्वेद के अनुसार बैठकर और धीरे-धीरे पानी पीने से एसिड का स्तर संतुलित रहता है। खड़े होकर पानी पीने से ये लाभ नहीं मिलते।
कितना लीटर पानी पिएं?
पानी हमारे जीवन के लिए जरूरी है। हर व्यक्ति को दिन में 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए, ताकि शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलें और स्वास्थ्य बेहतर बना रहे।
खड़े होकर पानी पीना सेहत के लिए नुकसानदेह है। इसलिए स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए बैठकर पानी पिएं। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com