LGBTQ+ समुदाय के युवा डिप्रेशन और एंग्जायटी ज्यादा महसूस करते हैं। इसका कारण समझना जरूरी है ताकि हम उन्हें बेहतर समर्थन दे सकें। आइए PubMed की एक रिपोर्ट से जानते हैं इसका कारण।
पहचान की कठिनाई
LGBTQ+ युवा अक्सर अपनी पहचान को लेकर संघर्ष करते हैं। समाज में स्वीकार्यता की कमी उन्हें अकेला और तनावग्रस्त बना देती है।
सामाजिक दबाव
कई बार परिवार और दोस्तों से मिलने वाला दबाव भी उनकी मानसिक सेहत पर असर डालता है। गलतफहमियां और भेदभाव उन्हें दुखी कर देते हैं।
असुरक्षा का एहसास
कई LGBTQ+ युवा अपने आसपास के माहौल में सुरक्षित महसूस नहीं करते। डर और चिंता की यह भावना उनके दिमाग पर भारी पड़ती है।
आत्मसम्मान का गिरना
जब कोई खुद को समाज के नजरिए से कमतर समझने लगता है, तो उसकी आत्म-छवि कमजोर हो जाती है। इससे डिप्रेशन और एंग्जायटी बढ़ती है।
मानसिक स्वास्थ्य की कम समझ
कई बार LGBTQ+ युवाओं को सही मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी और मदद नहीं मिल पाती। इससे उनकी परेशानियां और बढ़ जाती हैं।
समर्थन की कमी
परिवार, स्कूल या समाज से सही सपोर्ट न मिलने पर वे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। यह अकेलापन उनकी मानसिक बीमारी को बढ़ाता है।
बदलाव की उम्मीद
हालांकि अब धीरे-धीरे जागरूकता बढ़ रही है। समाज में बदलाव आ रहा है, जिससे LGBTQ+ युवाओं को बेहतर समझ और समर्थन मिलने लगा है।
हर कोई मिलकर LGBTQ+ युवाओं को प्यार, सम्मान और मदद दे सकता है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे खुश रहेंगे। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com