अधिकतर पुरुषों में एक अंडकोष का आकार दूसरे से थोड़ा अलग होता है, जो सामान्य माना जाता है। लेकिन इसके पीछे कई और वजहें हो सकती हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़ी सारी बातें विस्तार में।
अंडकोष क्या होते हैं?
अंडकोष पुरुष प्रजनन तंत्र का अहम हिस्सा होते हैं। ये टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बनाते हैं और शुक्राणु (स्पर्म) उत्पादन करते हैं। सामान्य आकार में बदलाव से फर्टिलिटी और यौन स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
क्यों होता है आकार में बदलाव?
अंडकोष का आकार कई बार छोटा या बड़ा हो सकता है। इसका कारण हार्मोनल असंतुलन, पानी भरना या नसों में सूजन जैसी स्थितियां हो सकती हैं, जिनका इलाज जरूरी होता है।
अंडकोष बढ़ने का कारण (हाइड्रोसील)
जब अंडकोष में पानी जमा हो जाता है तो उसे हाइड्रोसील कहते हैं। इससे अंडकोष की थैली फूल जाती है, दर्द और सूजन होती है और अंडकोष का आकार बड़ा दिखने लगता है।
हाइड्रोसील के लक्षण
अगर अंडकोष में तेज दर्द, भारीपन या थैली में सूजन दिखे तो यह हाइड्रोसील हो सकता है। समय रहते डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है ताकि जटिलता न बढ़े।
अंडकोष छोटे क्यों होते हैं?
कुछ पुरुषों में अंडकोष सामान्य से छोटे हो सकते हैं। यह स्थिति हाइपोगोनाडिज्म के कारण हो सकती है जिसमें शरीर पर्याप्त टेस्टोस्टेरोन नहीं बना पाता है।
सामान्य अंडकोष का आकार
एक स्वस्थ अंडकोष का आकार लगभग 4.5 से 5.1 सेंटीमीटर होता है। जब इसका आकार 3.5 सेंटीमीटर से कम होता है तो यह छोटे अंडकोष की स्थिति मानी जाती है।
छोटे आकार के खतरे
छोटे अंडकोष टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणु उत्पादन में असफल हो सकते हैं, जिससे पुरुषों में बांझपन और यौन कमजोरी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अगर अंडकोष के आकार में बदलाव दिखे, दर्द हो या थैली में सूजन महसूस हो तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com