आजकल दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब ये बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, युवा भी प्रभावित हो रहे हैं। अब कुछ लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या सोते समय भी हार्ट अटैक आ सकता है? तो आइए साओल हार्ट सेंटर के संस्थापक डॉ. बिमल छाजेर से जानते हैं इसका जवाब।
18-20 साल के युवाओं में खतरा
पिछले दो सालों में हार्ट अटैक के मामले 18 से 20 साल के युवाओं में भी तेजी से सामने आए हैं, जो पहले बेहद दुर्लभ थे।
सेहतमंद दिखना काफी नहीं
जो लोग रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं और हेल्दी डाइट लेते हैं, उनमें भी हार्ट अटैक के मामले देखे जा रहे हैं, जो लोगों को हैरान कर रहा है।
क्या नींद में आ सकता है अटैक?
डॉ. बिमल छाजेर के अनुसार, नींद में हार्ट अटैक आ सकता है। लगभग 10% हार्ट अटैक के मामले नींद में होते हैं, खासकर सुबह के समय।
सुबह क्यों होता है ज्यादा खतरा?
सुबह के समय शरीर में न्यूरो हार्मोन का लेवल बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर और दिल पर दबाव बढ़ जाता है, जो अटैक का कारण बन सकता है।
कौन होते हैं ज्यादा रिस्क में?
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित लोग नींद में हार्ट अटैक के सबसे बड़े शिकार हो सकते हैं।
सांस में रुकावट बनती है खतरा
सोते समय गले की मांसपेशियों के ढीले होने से सांस में रुकावट होती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है और दिल पर दबाव बढ़ता है।
स्लीप एपनिया का प्रभाव
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण रक्तचाप सामान्य नहीं रहता, बल्कि बढ़ जाता है, जिससे हार्ट पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है।
रात को अच्छी नींद लें, स्लीप एपनिया की जांच कराएं, तनाव से दूर रहें, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और नियमित रूप से हार्ट चेकअप करवाएं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com