दही खानपान का एक अहम हिस्सा है, आयुर्वेद में इसे पौष्टिक और आसानी से पचने वाला माना गया है, लेकिन इसे सही टाइम और सही तरीके से खाने पर ही इसका फायदा शरीर को पूरी तरह से मिल पाता है। गलत तरीके से इसे खाने से हेल्थ को नुकसान हो सकता है। आइए डॉ. नितिका कोहली जी से जानें आयुर्वेद के अनुसार दही खाने के जरूरी नियम क्या हैं।
रात में दही खाने से नुकसान
आयुर्वेद के अनुसार, रात को दही खाने से कफ दोष की दिक्कत बढ़ सकती है, जिससे जुकाम, बलगम और सांस की दिक्कत हो सकती है। अगर दही खाना हो तो उसमें थोड़ी सी काली मिर्च या शहद मिलाकर खाएं।
दही को गर्म करके खाने से क्या होता है?
दही को गर्म करके खाना शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। दही को कभी गर्म नहीं करना चाहिए, इससे इसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और यह एसिडिटी हो जाता है।
खाली पेट दही खाने के नुकसान
सुबह को खाली पेट में दही खाने से एसिडिटी बढ़ सकती है। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर पड़ता है और गैस, अपच की दिक्कत हो सकती है। दही को हमेशा खाना खाने के बाद या किसी डिश के साथ खाना चाहिए।
दही को दूध के साथ खाने के नुकसान
दूध और दही दोनों में भरपूर मात्रा में पोषण होते हैं, लेकिन इन्हें एक साथ खाना आयुर्वेद में वर्जित माना गया है। इन दोनों की अलग प्रकृति होती है, इनको साथ खाने से टॉक्सिन्स बन सकते हैं, जिससे डाइजेशन की दिक्कत हो सकती है।
दही के साथ नमक खाने के नुकसान
आयुर्वेद के अनुसार दही में नमक डालकर खाने से डाइजेस्टिव दिक्कत हो सकती हैं। इसके बदले आप दही में गुड़ या शहद मिलाकर खा सकते हैं। यह आसानी से पच सकता है, और पोषण से भरपूर होता है।
मौसम के हिसाब से खाएं दही
गर्मियों में दही से ठंडक मिलती है, लेकिन इसे दिन में खाना ही सही रहता है। सर्दियों में दही से कफ बढ़ सकता है, इसलिए इसे कम और मसालों के साथ खाना चाहिए।
फ्रेश दही खाएं
पुराना या खट्टा दही डाइजेशन के लिए नुकसानदायक हो सकता है। हमेशा फ्रेश और अच्छे से जमा हुआ दही खाना चाहिए। ज्यादा खट्टा दही खाने से शरीर में गैस, एसिडिटी और पेट की दिक्कत बढ़ सकती हैं।
दही को सही तरीके से खाया जाए तो यह शरीर के लिए अमृत की तरह काम करता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com