डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। हाई ब्लड शुगर के कारण किडनी, आंखें, पैरों की नसें और हृदय सबसे ज्यादा नुकसान झेलते हैं, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर मसीना अस्पताल, मुंबई के डायबिटीज, मेटाबॉलिज्म डायबेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अल्तमश शेख (Dr. Altamash Shaikh, Diabetes, Metabolism Diabetologist, Masina hospital, Mumbai) से बात की है।
किडनी पर प्रभाव
लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर रहने से किडनी की छोटी रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं, जिससे किडनी की कार्यक्षमता घटने लगती है। इससे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है, जिसे डायबिटिक किडनी डिजीज कहा जाता है।
आंखों पर प्रभाव
डायबिटीज का आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे विजन कमजोर हो सकता है। हाई ब्लड शुगर के कारण रेटिना में तरल पदार्थ जमा हो सकता है, जिससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा बढ़ जाता है।
पैरों की नसों पर प्रभाव
डायबिटीज से पैरों की नसें भी प्रभावित होती हैं, जिससे उनमें सुन्नता और झुनझुनी महसूस हो सकती है। समय पर ध्यान न देने पर नसों को स्थायी नुकसान हो सकता है, जिससे चलने में दिक्कत आने लगती है।
हृदय रोगों का खतरा बढ़ना
डायबिटीज के कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। यह धमनियों को ब्लॉक कर सकता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है, जिससे जीवन खतरे में पड़ सकता है।
मीठी चीजों से परहेज करें
डायबिटीज रोगियों को मीठी चीजों से परहेज करना चाहिए। शुगर बढ़ने से शरीर के जरूरी अंग जल्दी प्रभावित होते हैं। संतुलित आहार और ब्लड शुगर नियंत्रण से जोखिम कम किया जा सकता है।
एक्सरसाइज करें
नियमित एक्सरसाइज और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से डायबिटीज रोगी स्वस्थ रह सकते हैं। रोजाना टहलने, योग करने और हल्की एक्सरसाइज करने से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन
डायबिटीज रोगियों को ज्यादा फाइबर युक्त आहार लेना चाहिए, जैसे हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज। यह पाचन को सुधारता है और ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है।
जंक फूड और फास्ट फूड से बचें
जंक फूड और फास्ट फूड खाने से डायबिटीज रोगियों की स्थिति और खराब हो सकती है। इन चीजों में ज्यादा वसा और शुगर होती है, जो ब्लड शुगर को अनियंत्रित कर गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।
हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज और नियमित मेडिकल चेकअप से डायबिटीज के प्रभाव को कम किया जा सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com