बरसात के मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन बढ़ जाते हैं। इन दिनों बच्चों में आंख आना यानी कंजक्टिवाइटिस तेजी से फैल रहा है। यह संक्रामक रोग है, जो एक से दूसरे को आसानी से हो सकता है। बच्चों को इससे बचाने के लिए कुछ सावधानियां अपनाना बेहद जरूरी है।
डॉक्टर की सलाह
आइए श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल की डॉक्टर मनीषा अग्रवाल से जानते हैं कि आई फ्लू (Eye Flu) की समस्या से बच्चों का कैसे बचाव कर सकते हैं।
बच्चों को सिखाएं हाथों की स्वच्छता
बच्चे आंखों को बार-बार हाथ लगाते हैं, जिससे इंफेक्शन फैलता है। उन्हें साफ हाथ रखने और बिना हाथ धोए आंखें न छूने की आदत डालें। यह सबसे जरूरी बचाव है।
पर्सनल चीजें शेयर करने से रोकें
तौलिया, रूमाल, आई ड्रॉप जैसे निजी सामान बच्चों को शेयर न करने दें। इससे संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। स्कूल और घर में इस बात का ध्यान रखें।
खिलौनों को रखें साफ और बैक्टीरिया-फ्री
बच्चों के खिलौनों को समय-समय पर सैनिटाइज करें। गंदे खिलौनों से बैक्टीरिया आंखों में जा सकते हैं। खासकर अगर बच्चा बीमार है या बाहर से आया है।
एलर्जी से करें बचाव
जिन बच्चों को धूल, धुएं या पालतू जानवरों से एलर्जी होती है, उन्हें साफ-सुथरे वातावरण में रखें। बाहर से आने पर हाथ-मुंह और पैर अच्छे से धोना जरूरी है।
कैसे फैलता है कंजक्टिवाइटिस?
वायरल कंजक्टिवाइटिस बच्चों में सबसे सामान्य कारण है। यह संक्रमित व्यक्ति के छींक, खांसी या गंदे हाथों के संपर्क से फैलता है। यह काफी संक्रामक होता है।
शैंपू और साबुन से हो सकती है जलन
कभी-कभी साबुन या शैंपू आंखों में चला जाए तो जलन और सूजन हो सकती है, जिससे कंजक्टिवाइटिस जैसी स्थिति बन जाती है। बच्चों को नहलाते समय विशेष ध्यान रखें।
अगर बच्चा आंख आना की शिकायत करे, तो देरी न करें। तुरंत डॉक्टर से मिलें। सही समय पर इलाज से संक्रमण नहीं फैलेगा और जल्द आराम मिलेगा। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com