गर्मियों में नाक से खून बहना यानी नकसीर आम समस्या है। ज्यादा गर्मी, नाक की ब्लड वेसल्स का फटना या अंदरूनी सूखापन इसके प्रमुख कारण हैं। इसे नजरअंदाज करने से बड़ी दिक्कत हो सकती है।
एक्सपर्ट से जानें
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में पित्त दोष का असंतुलन नकसीर फूटने का कारण बन सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर डॉ. रितु चड्ढा के मुताबिक, नकसीर की समस्या को कुछ आयुर्वेदिक उपायों से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं नकसीर का आयुर्वेदिक इलाज।
पीपल के पत्तों का उपयोग
पीपल के पत्तों का रस निकालकर 5-7 बूंदें नाक में डालें। यह नाक की सूजन कम करता है और ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता है।
घी से नाक की देखभाल
आपको बता दें कि हल्का गर्म गाय का घी नाक में लगाने से नमी बनी रहती है और सूखापन कम होकर नकसीर से राहत मिलती है।
शीशम के पत्तों का रस
शीशम के पत्तों का रस नाक में डालने से नसों को ठंडक मिलती है और खून बहना बंद हो जाता है। यह बेहद असरदार उपाय है।
बेल के पत्ते
डॉ. रितु चड्ढा के अनुसार, बेल के पत्तों को उबालकर उसका पानी पिएं। यह शरीर को ठंडक देता है और नकसीर की समस्या से राहत दिलाता है।
आयुर्वेदिक चूर्ण का सेवन
नकसीर से राहत पाने के लिए सौंफ, खसखस, मिश्री, इलायची और काली मिर्च मिलाकर चूर्ण तैयार करें। और रोज सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करें।
तुलसी की पत्तियां
तुलसी की पत्तियों को चबाएं या उसका रस नाक में डालें। तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो नाक से खून बहने को जल्दी कंट्रोल करते हैं और ठंडक भी प्रदान करते हैं।
गर्मी में नकसीर आम समस्या है लेकिन आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर इसे रोका जा सकता है। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com