छुईमुई का पौधा दिखने में छोटा होता है। लेकिन, इसके औषधीय गुण इतने ज्यादा हैं कि आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों के इलाज के लिए जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
दस्त की समस्या से राहत
डायरिया या दस्त जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं में छुईमुई की जड़ और पत्तियों का उपयोग पुराने समय से होता आ रहा है। इसका अर्क या चूर्ण रोगी को देने से कुछ ही खुराक में आराम मिल जाता है।
मानसिक तनाव से राहत
मानसिक तनाव, चिंता या डिप्रेशन की समस्या में भी छुईमुई बहुत उपयोगी है। इसका अर्क रोज पीने से मस्तिष्क शांत रहता है और याददाश्त भी तेज होती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ना
छुईमुई के पौधे में एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो शरीर को अंदर से संक्रमण से लड़ने की ताकत देते हैं। साथ ही, यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में मदद करता है।
बवासीर में फायदेमंद
बवासीर या अर्श की समस्या में छुईमुई के सूखे पत्तों का चूर्ण बनाकर उसे दूध के साथ सेवन करने से खून आना बंद होता है और दर्द में राहत मिलती है।
अस्थमा में फायदेमंद
अस्थमा के मरीजों के लिए छुईमुई का अर्क बहुत फायदेमंद है। यह कफ निकालने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में राहत मिलती है और फेफड़ों में जमा बलगम धीरे-धीरे कम होने लगता है।
पीलिया की समस्या से राहत
पीलिया की समस्या में छुईमुई की पत्तियों का ताजा रस रोज सुबह पिलाने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और खून की सफाई भी होती है।
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होना
ब्लड प्रेशर और शरीर की कमजोरी जैसी स्थितियों में भी छुईमुई का उपयोग असर दिखाता है। इसके नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा आती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
डायबिटीज में फायदेमंद
डायबिटीज यानी मधुमेह से परेशान लोग छुईमुई की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं क्योंकि यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है और शरीर में शर्करा के स्तर को संतुलित बनाए रखता है।
छुईमुई को पहाड़ी और जंगली इलाकों में रहने वाले लोग इसे पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, छुईमुई का सेवन करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।