आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते। आयुर्वेद के अनुसार, अच्छी सेहत के लिए अच्छा खाना ही नहीं, सही समय पर खाना भी जरूरी है। भोजन का समय हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। ऐसे में आइए जानते हैं जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान से एक दिन में कितनी बार खाना खाना चाहिए।
कब खाएं, कितना खाएं?
आयुर्वेद के अनुसार, जब सही भूख लगती है तभी खाना चाहिए। बिना भूख के खाने से शरीर को नुकसान हो सकता है। खाना भूख के 80% तक ही खाएं ताकि पाचन ठीक रहे।
चार मील से एनर्जी मिलेगी
जो लोग पतले हैं और ज्यादा काम करते हैं, उन्हें दिन में चार बार भोजन करना चाहिए। इससे उन्हें पर्याप्त ऊर्जा मिलती है पर ध्यान रहे कि भोजन हल्का और पोषक हो।
सूर्यास्त के बाद खाने से बचें
आयुर्वेद के अनुसार, सूर्यास्त के बाद खाना खाने से बचना चाहिए। सोने से दो-तीन घंटे पहले हल्का भोजन करें ताकि पाचन सही हो। अगर रात में भूख लगे तो दूध पी सकते हैं।
हल्दी वाला दूध लाभकारी है
रात में दूध पीने से नींद अच्छी आती है। बेहतर इम्यूनिटी के लिए दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पिएं इससे आपकी सेहत को मजबूती मिलेगी।
तीन बार भोजन करने के नुकसान
योग के अनुसार, दिन में तीन बार भोजन करने से शरीर रोगी हो सकता है। बार-बार खाना खाने से पाचन तंत्र कमजोर होता है और इम्यूनिटी घटती है।
दो मील खाना है फायदेमंद
आयुर्वेद और योग के अनुसार दिन में दो बार भोजन करना सबसे अच्छा माना जाता है। भोजन के बीच छह घंटे का अंतर जरूर रखें, इससे शरीर को भोजन पचाने का पूरा समय मिलता है।
अध्यात्मिक लाभ भी मिलता है
जो लोग सिर्फ एक बार भोजन करते हैं, उन्हें योग में ‘योगी’ कहा जाता है। यह जीवनशैली साधु और महात्मा अपनाते हैं। इससे अध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है।
आयुर्वेद कहता है न ज्यादा खाएं, न कम। शरीर की जरूरत के अनुसार सही मात्रा में भोजन करें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com