धूल-मिट्टी और अन्य कारणों से कई लोग सांस से जुड़ी समस्याओं से परेशान होते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानें इससे राहत के लिए क्या करें?
एक्सपर्ट की राय
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. भुवनेश्वरी के अनुसार, 'श्वसन तंत्र, लंग्स को मजबूती देने और इंफेक्शन से बचाव करने के लिए आयुर्वेदिक उपायों को अपनाया जा सकता है।'
मुलेठी
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक मुलेठी में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसे पानी में उबालकर पीने या मुलेठी के छोटे टुकड़े को चबाने से गले की सूजन, दर्द और सांस से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है।
गिलोय
गिलोय में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में गिलोय के काढ़े का सेवन करने से लंग्स को हेल्दी रखने, खांसी और सांस से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है।
हल्दी
हल्दी में एंटी-इफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल के गुण पाए जाते हैं। इसकी चाय पीने और दूध के साथ लेने से लंग्स को साफ करने, शरीर को डिटॉक्स करने और श्वसन तंत्र को मजबूती देने में मदद मिलती है।
मुल्लेन
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक मुल्लेन में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे लंग्स से जुड़ी समस्याओं से राहत देने, इंफेक्शन से बचाव करने और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
पिप्पली
औषधीय गुणों से भरपूर पिप्पली में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से श्वसन तंत्र को मजबूती देने और लंग्स की सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
सावधानियां
इन आयुर्वेदिक हर्ब्स से किसी भी तरह की एलर्जी होने पर इनके सेवन से बचें। सांस से जुड़ी अधिक समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
सांस लेने पर परेशानी होने पर लेख में बताई गई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन किया जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com