आपकी छींक भी बन सकती है स्लिप डिस्क का कारण, इन बातों का रखें ध्यान

वर्तमान समय में लोग शारीरिक काम की जगह मशीनों और बड़ी बड़ी तकनीक ने ले ली है। भले ही ये हमें काम करने में मदद करते हैं लेकिन यह भी सच है कि इनके आ जाने से बीमारियों में भी इजाफा हुआ है। जब व्यक्ति सारे काम खुद से करता है तो वह फिट और स्वस्थ रहता है। जबकि जब सारे काम मशीनों से होते हैं तो शरीर में कई त्रह क बीमारियां घर करने लगती है। इसके अलावा व्यायाम न करने की आदत से भी पीठ के साथ-साथ मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। 8 से 9 घंटे तक एक ही पॉजीशन में बैठने से शरीर कमजोर होने लगता है। 
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आपकी छींक भी बन सकती है स्लिप डिस्क का कारण, इन बातों का रखें ध्यान

वर्तमान समय में लोग शारीरिक काम की जगह मशीनों और बड़ी बड़ी तकनीक ने ले ली है। भले ही ये हमें काम करने में मदद करते हैं लेकिन यह भी सच है कि इनके आ जाने से बीमारियों में भी इजाफा हुआ है। जब व्यक्ति सारे काम खुद से करता है तो वह फिट और स्वस्थ रहता है। जबकि जब सारे काम मशीनों से होते हैं तो शरीर में कई त्रह क बीमारियां घर करने लगती है। इसके अलावा व्यायाम न करने की आदत से भी पीठ के साथ-साथ मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। 8 से 9 घंटे तक एक ही पॉजीशन में बैठने से शरीर कमजोर होने लगता है। जोड़ों और शरीर के लिए लचक जरूरी है, जो व्यायाम और शारीरिक श्रम से ही आती है। अगर पीठ दर्द के कारणों की बात करें तो कई बार एकाएक भारी वजन उठाने या खींचने से भी रीढ़ के किसी हिस्से पर दबाव पड़ता है और इससे स्लिप डिस्क जैसी समस्या हो सकती है। संक्षेप में पीठ का दर्द गिरने, फिसलने, भारी वजन उठाने, उम्र बढऩे, दुर्घटना में चोट लगने के अलावा आनुवंशिक कारणों से हो सकता है।

ये कारण भी हैं जिम्मेदार

कई बार यूं ही सुबह उठने पर एकाएक पीठ में दर्द का एहसास होता है। न चोट, न कोई रोग, मगर कमर, गर्दन या पीठ में तेज दर्द 2-3 दिन बिस्तर से उठने नहीं देता। दरअसल हमारी जीवनशैली में कुछ ऐसी वजहें छिपी हैं, जो जाने-अनजाने पीठ दर्द का रूप धारण कर लेती हैं। आधुनिक जीवनशैली में 70-80 प्रतिशत लोग कभी न कभी पीठ दर्द से जूझते हैं। आज हम आपको पीठ दर्द से काफी हद तक बचने के कुछ तरीके बता रहे हैं, उन्हें जरूर फॉलो करें।

छींक आए तो संभल जाएं

अचानक छींक आए, जिसमें आप संतुलन न बिठा सकें। यह जोर की छींक पूरे शरीर को हिला देती है। इससे भी स्लिप डिस्क जैसी समस्या हो सकती है। डॉक्टर्स का मानना है कि जब भी छींक आए, पीठ व कमर सीधी रखें, संभव हो तो अपना एक हाथ कमर पर रखें, इससे रीढ़ पर दबाव कम होगा।

पॉजीशन को बदलते रहें

एक ही अवस्था में लगातार कई घंटे बैठे रहना भी पीठ दर्द की बड़ी वजह है। की-बोर्ड या माउस पर एक ही पॉजीशन में बार-बार काम करने से पीठ में दर्द हो सकता है। सिलाई मशीन पर एक ही स्थिति में कई घंटे बैठे रहने वाले लोगों को भी दर्द घेर सकता है। एक्सपट्र्स का मानना है कि डेस्क जॉब करने वालों को हर आधे-एक घंटे में 5-10 मिनट वॉक या स्ट्रेचिंग करनी चाहिए।

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तकिया भी है बहुत बड़ा कारण

ऊंचा तकिया रख कर सोना, तकिये को फोल्ड करके सोना या गलत मुद्रा में सोना भी पीठ दर्द का कारण हो सकता है। हड्डी रोग विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट का कहना है कि पीठ के बल सीधे लेटें या करवट लेकर एक तरफ सोएं। करवट लेकर सोने वालों को सलाह है कि पैरों के बीच एक तकिया रख कर सोएं। बिस्तर बहुत सॉफ्ट न हों। हार्ड बिस्तर पर सोना पीठ के लिए ठीक होता है।

आपकी शॉपिंग भी है वजह

स्त्रियां अकसर बड़े शॉपिंग बैग्स का इस्तेमाल करती हैं। इन्हें लगातार देर तक कंधे पर टांगना भी पीठ, गर्दन या कमर दर्द की वजह बन सकता है। लैपटॉप बैग भी दर्द की वजह बन सकते हैं। शॉपिंग के लिए ट्रॉली बैग्स का इस्तेमाल करें। ज्य़ादा सामान के लिए होम डिलिवरी सुविधा का उपयोग करें।

एक्सरसाइज करना न भूलें

ज्य़ादातर स्त्रियां सोचती हैं कि वे तो घरेलू काम करती हैं, इसलिए उन्हें एक्सरसाइज या वॉक की जरूरत नहीं है। घरेलू कार्य स्वयं करने के बावजूद वर्कआउट, व्यायाम व योग का अलग महत्व है। एक ही काम रोज करने से शरीर उसका अभ्यस्त हो जाता है और उससे पूरा लाभ नहीं मिलता। इसलिए व्यायाम या काम में परिवर्तन करते रहना जरूरी है।

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