अस्थमा और एलर्जी के बारे में लोगों की यह राय है कि ये दोनों अलग-अगल बीमारियां हैं और इनके बीच में किसी प्रकार का संबंध नहीं है। अगर दोनों बीमारियां एक साथ होती भी हैं तो यह केवल संयोग है। हालांकि दोनों समस्यायों के लक्षण एक जैसे भी होते हैं। एलर्जी की तुलना में भी अस्थमा गंभीर बीमारी मानी जाती है जिसका उपचार बहुत जरूरी है। जबकि एलर्जी के कुछ मामलों के लिए बार-बार चिकित्सक के पास जाने की जरूरत भी नहीं होती है। जबकि लोगों को शायद यह पता नहीं है कि अगर एलर्जी कई दिनों तक रहे तो यह अस्थमा का कारण बन सकती है। इस लेख में विस्तार से जानिये अस्थमा और एलर्जी के बीच के संबंध के बारे में।
एलर्जी क्या है
एलर्जी शरीर के द्वारा कुछ विशेष तत्वों, जिन्हें एलर्जन कहते हैं, के प्रति अति संवेदनशील प्रतिक्रिया होती है। जरूरी नहीं कि एलर्जन नुकसानदायक हों, कुछ मामलों में व्यक्ति के शरीर पर इनका कुछ भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन कुछ लोग जो इन तत्वों के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं, उनमें इनके कारण कई लक्षण नजर आते हैं, कुछ मामलों में तो यह जानलेवा हो सकती है। कई खाद्य पदार्थ, रसायन, धूल और फूलों के परागकण एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं। जो लोग एलर्जी से पीड़ित हैं, उनके लिए सबसे बेहतर उपाय यही है कि वह उन कारकों यानी एलर्जन से बचें, जिससे उन्हें एलर्जी की समस्या हुई है।
अस्थमा क्या है
लगातार कई दिनों तक जुकाम, खांसी या सांस संबंधी रोग दमे के लक्षण तो नहीं माने जाते हैं, लेकिन अस्थमा एक्शन अमेरिका ने अस्थमा के कुछ लक्षण बतायें हैं, जो इस तरह हैं - बिना धूम्रपान के सांस लेने में परेशानी, रात में सोते वक्त खांसी आना, सांस लेने में समस्या होना, अक्सर छाती में जकड़न की समस्या, व्यायाम या सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना या खांसी आना, अधिक ठंड या गर्मी होने पर सांस लेने में समस्या, आदि अस्थमा के लक्षण हो सकते हं।
![एलर्जी और अस्थमा में संबंध Asthma Connection in Hindi]()
इन दोनों में संबंध
विशेषज्ञों की मानें तो अस्थमा भी एक तरह की एलर्जी है। जब एलर्जी वाली चीजों के संपर्क में आने पर ही इसका अटैक होता है तो उसे एलर्जिक अस्थमा कहते हैं। कई पदार्थ जैसे परागकण, धूल, पशुओं की मृत त्वचा एलर्जी को बढ़ावा दे सकते हैं। कुछ लोगों में फूड एलर्जी से भी अस्थमा अटैक हो जाता है। शरीर प्रतिक्रिया तब देता है, जब हमारा इम्यून सिस्टम किसी हानिरहित पदार्थ जैसे खाने की चीजों, दवाइयों, रसायनों या परागकण को आक्रमणकारी समझ लेता है।
शरीर को इस बाहरी पदार्थ से बचाने के लिए एंटीबॉडीज उन पर हमला करती हैं। इस दौरान हमारे इम्यून सिस्टम से जो रसायन निकलते हैं, उनके कारण एलर्जी के लक्षण नजर आते हैं। ये लक्षण हैं - नाक बंद हो जाना, नाक बहना, आंखों में खुजली होना या त्वचा पर रैशेज पड़ जाना। कुछ लोगों में यह प्रतिक्रिया फेफड़ों और श्वांसमार्ग को भी प्रभावित करती है। एलर्जिक अस्थमा को आनुवांशिक बीमारी भी माना जाता है। अगर आपको एलर्जिक अस्थमा नहीं है, सिर्फ एलर्जी है तो अस्थमा होने का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
एलर्जी करने वाले पदार्थों के अलावा कई अन्य चीजें जैसे एक्सरसाइज, संक्रमण, ठंडी हवाएं या मानसिक तनाव अस्थमा को बढ़ाने का भी काम करती हैं। इस रोग के लिए पर्यावरण प्रदूषण और आनुवंशिक कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। इसलिए जो माता-पिता इस रोग से पीड़ित हैं, उनके बच्चों में यह समस्या होने की संभावना अधिक रहती है। तापमान में अचानक बदलाव होने या फिर मौसम बदलने पर अस्थमा अटैक की आशंका बढ़ जाती है। जिन्हें धूल, धुआं, पालतू जानवरों और किसी दवाई से एलर्जी हो उन्हें इस मौसम का ध्यान रखना चाहिए।
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काफी से अस्थमा का ईलाज
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