
Parenting Tips: बच्चों को इन 4 तरीकों से अपना प्यार और सपोर्ट दिखाएं माता-पिता तो बच्चे बनते हैं ज्यादा कॉन्फिडेंट, ज्यादा स्मार्ट और ज्यादा सफल।
वैसे तो हर मां-बाप अपने बच्चे से प्यार करते हैं। लेकिन ज्यादातर मां-बाप इस प्यार को प्रदर्शित नहीं करते हैं। कई बार तो उन्हें पता ही नहीं होता है कि वो बच्चों के प्रति अपने प्यार को कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं और कई बार उन्हें लगता है कि ऐसा करने से बच्चा बिगड़ सकता है या सिर चढ़ सकता है। मगर आपको बता दें कि साइकोलॉजी की दृष्टि से देखें तो जो मां-बाप अपने बच्चों से खुलकर प्यार प्रदर्शित करते हैं और उन्हें सपोर्ट करते हैं, उनके बच्चे ज्यादा कॉन्फिडेंट और ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। बच्चों के लिए ये सुरक्षा की भावना काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए आपको भी अपने बच्चों को प्रेम प्रदर्शित करना चाहिए, ताकि उनके स्वभाव में मुखरता आए और उनका कॉन्फिडेंस बढ़े। ऐसा करने से बच्चे का सोशल डेवलपमेंट (सामाजिक विकास) भी बेहतर होता है। आइए आपको बताते हैं ये काम आप कैसे कर सकते हैं।
बच्चे को गले लगाएं
बच्चे जब छोटे होते हैं, तब तो मां-बाप बच्चों को गले लगाते हैं, लेकिन बड़े होने पर ज्यादातर पैरेंट्स बच्चों को गले लगाना छोड़ देते हैं। कुछ संकोच के मारे और कुछ अन्य कारणों से। लेकिन गले लगाना, पीठ थपथपाना, सिर पर हाथ रखना, गाल पर किस करना आदि वो क्रियाएं हैं, जिनसे आप अपने बच्चे को अपना प्रेम प्रदर्शित कर सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे को अनुभूति होती है कि वो सुरक्षित है। बहुत सारे मामलों में ऐसा करने से बच्चों का प्रदर्शन भी सुधारा जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: अपने बच्चों को प्रोत्साहित करने और क्रिएटिव बनाने के लिए मां-बाप को जरूर अपनाने चाहिए ये 5 आसान तरीके
बच्चों से बात करें
बचपन से ही इस बात पर ध्यान दें कि जब भी आपका बच्चा आपसे कुछ कह रहा है, तो उसे ध्यान से सुनें और उसकी बातों पर ध्यान दें। बच्चों से बात करना बेहद जरूरी है। 10-12 साल की उम्र के बाद बच्चे अक्सर अपने मां-बाप से धीरे-धीरे कटने लगते हैं और दोस्तों के साथ घुलने लगते हैं। इसके बाद टीनएज शुरू हो जाती है, जिसमें बच्चों को बहुत ज्यादा मेंटल और फिजिकल सपोर्ट की जरूरत होती है। इसलिए बच्चों के बातचीत करें और उन्हें इस बात का एहसास दिलाएं कि किसी भी तरह की बातचीत के लिए वो आपसे बिना संकोच के कह सकते हैं और डिसकस कर सकते हैं।
बच्चों के साथ खेलें
बच्चा जब छोटा होता है, तब तो आमतौर पर मां-बाप उसके साथ खेलते हैं और पढ़ाई में भी मदद करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, फिर वो बच्चे को इस तरह क्वालिटी टाइम नहीं दे पाते हैं। खेल एक ऐसी क्रिया है, जिसमें भावनाएं बहुत जल्दी और गहराई से मिल जाती हैं। इसीलिए खेलते-खेलते बच्चे एक-दूसरे से इतना घुल-मिल जाते हैं। आपको भी अपने बच्चों के साथ घुल-मिलकर रहना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे आपसे हर छोटी-बड़ी बात शेयर करने में कतराते नहीं हैं और उनके स्वभाव में भी कॉन्फिडेंस बढ़ता है।
इसे भी पढ़ें: बच्चों पर चिल्लाने और गुस्सा करने की आदत छोड़ दें माता-पिता, इन 5 तरीकों से पड़ता है उनकी साइकोलॉजी पर प्रभाव
बच्चों को चुनाव का मौका दें
चुनाव का मतलब यह नहीं कि बच्चा जो करना चाहे उसे करने दें, फिर चाहे वो गलत ही हो। लेकिन छोटी उम्र से ही बच्चों में इस बात की आदत डालें कि आप उनपर कोई फैसला थोप नहीं रहे हैं, बल्कि उन्हें चुनाव का मौका दे रहे हैं। अगर बच्चा कोई गलत चीज चुनता है, तो उसे समझाया जा सकता है। लेकिन उसपर अपनी जिद और अपने फैसलों को थोपने का कोई फायदा नहीं है। इसलिए बच्चों को हमेशा चुनाव करने का मौका दें, खासकर पढ़ाई, करियर, जीवनसाथी और हॉबीज आदि।
इस तरह आप अपने बच्चों को इस बात का एहसास दिला सकते हैं कि आप बेस्ट पैरेंट हैं। यकीन मानिए ऐसा करने से बच्चे की आंतरिक प्रतिभा निखरेगी और वो जीवन में ज्यादा तेजी से सफलता की तरफ बढ़ेगा
Read More Articles on Tips for Parents in Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।