शोषण के बारे में बात करते वक्त हमारे ज़ेहन में सिर्फ शारीरिक शोषण आता है। शारीरिक शोषण जैसे कि चोट पहुंचाना या यौन शोषण करना। भावनात्मक शोषण वो होता है,जब कोई अपने शब्दों से या क्रोध से आपको तकलीफ पहुंचाता है,या नियंत्रित करने की कोशिश करता है।
भावनात्मक शोषण के लक्षण क्या हैं?
आपको लगातार कोसना, दोष देना, ताने मारना।
आप पर चिल्लाना।
भावनात्मक तौर पर आपसे खुद को दूर रखना।
आपको मूर्ख, मोटे, बदसूरत कहना।
आपकी जाति, लिंग, उम्र या व्यक्तिगत बातों का मज़ाक उड़ाना।
आपसे ऐसी उम्मीद रखना जो पूरी नहीं हो सकती, आपको ये जताना कि आप कुछ नहीं कर सकते।
बहुत ज्यादा ध्यान रखना या बिलकुल ध्यान ना रखना।
आपसे ये कहना कि आपको कोई पसंद नहीं करता।
आपकी दिलचस्पी में कोई रुचि ना दिखाना।
घरेलू हिंसा।
आपको मारने की धमकी देना।
मौखिक शोषण ही आगे चलकर शारीरिक शोषण में बदल सकता है, इसीलिए इससे पहले कि हालात बिगड़ जाएं, आप मदद लें।
भावनात्मक शोषण का नुकसान
कोई भी रिश्ता प्यार में ही पनप पाता है। जब कोई कपल साथ में होता है तो वो एक दूसरे का ख्याल रखता है, इज्जत करता है और ढेर सारा प्यार लुटाना है। लेकिन जब रिश्ते में ऊपर लिखी हुई बातें होने लगे तो इससे कोई भी रिश्ता खराब हो सकता है। भावनात्मक शोषण न सिर्फ किसी रिश्ते को खोखला बनाता है बल्कि ये इंसान को अंदर ही अंदर घुन की तरह खाने लगता है। अगर आपके रिश्ते में भी ऐसा कुछ हो रहा हो तो आप अपने पार्टनर से इस पर खुल कर बात करें। अपने दोस्तों और परिवार से मदद लें। थोड़ी सी कोशिशों से अगर रिश्ता संभल जाए तो अच्छा है वरना आपको अपने आपको शोषित होने से बचाने के लिए अपने पार्टनर से दूर भी करना पड़ सकता है।