गर्दन का कालापन एक आम समस्या है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यह सिर्फ गंदगी से नहीं होता, बल्कि इसके पीछे 3 प्रमुख कारण होते हैं। आइए डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. बनानी चौधरी से जानते हैं इस बारे में।
सन एक्सपोजर से कालापन
डॉक्टर के मुताबिक, तेज धूप के संपर्क में आने से गर्दन पर पिग्मेंटेशन बढ़ता है। इससे स्किन धीरे-धीरे डार्क हो जाती है। इससे बचने के लिए हमेशा सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए, चेहरे के साथ गर्दन पर भी।
एकैंथोसिस नाइग्रिकन्स
मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण त्वचा गाढ़ी और काली हो सकती है। इस स्थिति को एकैंथोसिस नाइग्रिकन्स कहते हैं। वजन घटाने और हार्मोन संतुलन से इसमें सुधार हो सकता है।
एटॉपिक डर्मेटाइटिस
एलर्जी से जुड़ी स्किन समस्या एटॉपिक डर्मेटाइटिस भी गर्दन के कालेपन का कारण बनती है। इसमें गर्दन पर खुजली और रैशेज होते हैं। सही मॉइस्चराइजर और एलर्जी ट्रीटमेंट से राहत मिलती है।
अन्य कारण
इसके अलावा गर्दन का कालापन और भी कई कारणों से होता है जैसे हार्मोनल बदलाव, और स्किन एलर्जी। सही देखभाल और समय पर उपचार से इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।
दवाओं से होने वाला हाइपरपिग्मेंटेशन
कुछ दवाएं जैसे स्टेरॉयड्स और एंटी-मलेरियल से भी त्वचा का रंग गहरा हो सकता है। दवा बंद करने के बाद स्थिति में सुधार होता है।
काली गर्दन के लक्षण
काली गर्दन के साथ त्वचा मोटी हो सकती है, खुजली हो सकती है या अतिरिक्त चर्बी दिख सकती है। सही उपचार से इन लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।
गर्दन की सफाई है जरूरी
गर्दन का कालापन कई वजहों से हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी गर्दन की सफाई और देखभाल भी चेहरे की तरह करें।
हालांकि सही स्किन केयर, धूप से बचाव और समय पर इलाज से आप गर्दन के कालेपन से छुटकारा पा सकते हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com