हाइपोवेंटिलेशन रोग क्या होता है? डॉक्टर से जानें

By Deepak Kumar
10 Jul 2025, 17:00 IST

हाइपोवेंटिलेशन एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। यह समस्या अक्सर सोते समय होती है और समय रहते इलाज न करने पर जानलेवा भी हो सकती है। आइए सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर से विस्तार में जानते हैं इस बीमारी के बारे में।

क्यों होती है ये बीमारी?

हाइपोवेंटिलेशन तब होता है जब फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड को पूरी तरह बाहर नहीं निकाल पाते। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जो मस्तिष्क और दिल को नुकसान पहुंचा सकती है।

इस बीमारी के मुख्य कारण

मोटापा, स्लीप एपनिया, ब्रेन इंजरी, फेफड़ों की बीमारी, न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर और स्ट्रोक इस बीमारी के बड़े कारण हैं। यह ब्रीदिंग रेट को प्रभावित करता है और नींद के दौरान खतरा बढ़ाता है।

इसके लक्षण

हाइपोवेंटिलेशन का सबसे सामान्य लक्षण है अत्यधिक थकान और दिन में नींद आना। व्यक्ति अक्सर सुस्त महसूस करता है और उसका ऊर्जा स्तर बहुत नीचे चला जाता है।

चक्कर, सिरदर्द और बेचैनी

इस बीमारी में चक्कर, सिरदर्द, बेचैनी और मितली जैसे लक्षण नजर आते हैं। शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, जिससे ये समस्याएं बार-बार होने लगती हैं।

ऑक्सीजन की कमी से त्वचा नीली पड़ना

हाथ-पैर की उंगलियों या होंठों का नीला पड़ना हाइपोवेंटिलेशन का गंभीर संकेत हो सकता है। इसका मतलब शरीर में ऑक्सीजन की गंभीर कमी हो चुकी है।

इलाज कैसे होता है?

डॉक्टर मरीज के लक्षणों के आधार पर दवाएं, थैरेपी और ऑक्सीजन सपोर्ट देते हैं। गंभीर मामलों में वेंटिलेशन या CPAP मशीन की जरूरत पड़ सकती है।

बचाव के लिए क्या करें?

हवादार जगह पर सोएं, शराब से दूर रहें, वजन नियंत्रित रखें और स्लीप एपनिया का इलाज कराएं। हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं।

हाइपोवेंटिलेशन के लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यदि बार-बार थकान, चक्कर, सांस फूलना जैसे लक्षण हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com