फेफड़ों में पानी भरने की समस्या को मेडिकल भाषा में पल्मोनरी एडिमा कहा जाता है, जिसमें फेफड़ों की थैलियों में तरल भर जाता है और सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के डॉक्टर रमन कुमार से जानते हैं कि फेफड़ों में पानी क्यों भर जाता है?
फेफड़ों में पानी भरना
यह स्थिति तब होती है जब दिल की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है। वह फेफड़ों तक सही से खून नहीं पहुंचा पाता, जिससे वहां पानी या द्रव जमा हो जाता है।
दिल से जुड़ी समस्याएं
दिल से जुड़ी समस्याएं जैसे हार्ट फेलियर, हाई ब्लड प्रेशर और वॉल्व की खराबी, फेफड़ों में पानी भरने के सबसे सामान्य कारण माने जाते हैं।
फेफड़ों में सूजन महसूस होना
अगर किसी को निमोनिया हो जाए, तो उससे भी फेफड़ों में सूजन आ सकती है। कुछ मामलों में तरल पदार्थ भर सकता है जिससे सांस की दिक्कत बढ़ जाती है।
लिवर या किडनी खराब होना
शरीर के अन्य अंगों जैसे लिवर या किडनी के खराब होने पर भी फेफड़ों में पानी भर सकता है। ये अंग शरीर के तरल संतुलन को बनाए रखते हैं।
शरीर में पानी जमा होना
जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो शरीर में अतिरिक्त पानी जमा होने लगता है जो धीरे-धीरे फेफड़ों तक पहुंचकर परेशानी खड़ी कर सकता है।
गंभीर संक्रमण
गंभीर संक्रमण, ब्लड इंफेक्शन भी फेफड़ों में तरल भरने का कारण बन सकती है। खासकर, अगर शरीर पहले से कमजोर हो। इसके अलावा, सांस लेने में दिक्कत, झागदार थूक, बेचैनी, अनियमित धड़कन और पैरों में सूजन हो सकती है।
गंभीर समस्याएं
यह समस्या अधिकतर उन लोगों को होती है जिन्हें पहले से हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं होती हैं।
अगर किसी को ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा भी हो सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com