हाई ट्राइग्लिसराइड्स के लक्षण क्या हैं?

By Aditya Bharat
01 Apr 2025, 14:30 IST

ट्राइग्लिसराइड्स खून में मौजूद एक फैट है, जो शरीर के लिए एनर्जी सोर्स का काम करता है। जब इसका लेवल बढ़ जाता है, तो यह दिल और सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में आइए डाइटिशियन अश्वनी एच कुमार से जानते हैं हाई ट्राइग्लिसराइड्स के लक्षणों के बारे में।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स के खतरे

इसका लेवल ज्यादा होने से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। धमनियों में ब्लॉकेज आ सकता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज का खतरा

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने से शरीर में इंसुलिन का असर कम हो जाता है। इससे ब्लड शुगर बढ़ता है और डायबिटीज का खतरा होता है। ज्यादा प्यास और भूख लगना इसके लक्षण हो सकते हैं।

दिल से जुड़ी समस्याएं

बढ़े हुए ट्राइग्लिसराइड्स से धमनियां संकरी हो सकती हैं। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता है। सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

पाचन संबंधी समस्याएं

ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल ज्यादा होने पर गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर पाचन की दिक्कतें लगातार बनी रहें, तो यह हाई ट्राइग्लिसराइड्स का संकेत हो सकता है।

थकान और कमजोरी

शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स ज्यादा होने से एनर्जी का सही उपयोग नहीं हो पाता। इससे कमजोरी, थकान और सिरदर्द हो सकता है। बिना मेहनत के भी शरीर सुस्त और भारी महसूस कर सकता है।

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के कारण

गलत खानपान, मीठी और तली-भुनी चीजें, एक्सरसाइज की कमी, ज्यादा शराब पीना और स्मोकिंग से ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ता है। मोटापा और कुछ बीमारियां भी इसका कारण बन सकती हैं।

ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के उपाय

हेल्दी डाइट लें, फाइबर और प्रोटीन युक्त भोजन खाएं। मीठा और जंक फूड कम करें। रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें और स्मोकिंग व अल्कोहल से बचें। पानी ज्यादा पिएं।

संतुलित आहार, एक्सरसाइज और रेगुलर हेल्थ चेकअप से ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल किया जा सकता है। हेल्दी आदतें अपनाकर दिल और शरीर को स्वस्थ रखें और बीमारियों से बचें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com