आजकल कई लोग 'लो फैट' लेबल वाले प्रॉडक्ट्स को हेल्दी मानकर खाते हैं। लेकिन क्या ये सच में आपके शरीर के लिए अच्छे होते हैं? आइए जानते हैं सच्चाई।
लो फैट का मतलब क्या है?
जब किसी खाने में फैट की मात्रा कम या हटाई जाती है, तो उसे लो फैट कहा जाता है। अक्सर ऐसे फूड्स में कुल फैट 3 ग्राम या उससे कम होता है (प्रति सर्विंग)।
फैट की जरूरत क्यों होती है?
फैट सिर्फ वजन नहीं बढ़ाता। यह आपके हार्मोन, दिमाग और त्वचा के लिए जरूरी है। हेल्दी फैट्स जैसे नट्स, ऑलिव ऑयल और अवोकाडो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
चीनी ज्यादा हो सकती है
कई लो फैट प्रॉडक्ट्स में स्वाद बनाए रखने के लिए ज्यादा चीनी या प्रिजरवेटिव्स डाले जाते हैं। इससे उनका हेल्दी होना संदिग्ध हो जाता है।
वजन घटाने में मदद
कुछ रिसर्च के अनुसार लो फैट डाइट वजन घटा सकती है, लेकिन उतना नहीं जितना लोग सोचते हैं। लो कार्ब डाइट कई बार ज्यादा असरदार साबित हुई है।
सभी फैट्स बुरे नहीं होते
सैचुरेटेड और ट्रांस फैट से जरूर बचें, लेकिन मोनो और पॉली-अनसेचुरेटेड फैट्स दिल और दिमाग के लिए अच्छे होते हैं। इनसे डरना नहीं चाहिए।
रिसर्च क्या कहती है?
NIH की स्टडीज बताती हैं कि सही तरह की लो फैट डाइट लंबे समय में हृदय रोग और कैंसर के खतरे को घटा सकती है। लेकिन ये तभी फायदेमंद होती है जब बाकी डाइट भी बैलेंस्ड हो।
लो फैट फूड को कैसे चुनें?
फूड लेबल ध्यान से पढ़ें। अगर उसमें बहुत ज्यादा चीनी, नमक या कृत्रिम चीजें हैं, तो भले ही वो ‘लो फैट’ हो, वो हेल्दी नहीं माना जा सकता।
‘लो फैट’ का टैग देखकर किसी भी फूड को हेल्दी न मानें। संतुलित आहार जिसमें सही मात्रा में हेल्दी फैट्स हों, वही सबसे बेहतर होता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com