आंखें हमारे शरीर का अहम हिस्सा हैं। खराब जीवनशैली, प्रदूषण और बढ़ती उम्र की वजह से आंखों से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। आइए नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ नूपुर गोयल से जानें बढ़ती उम्र के साथ आंखों की जांच क्यों जरूरी होती है।
40 की उम्र क्यों है अहम?
40 की उम्र के बाद आंखों में मोतियाबिंद और काला मोतिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। समय पर जांच से इनका इलाज मुमकिन होता है।
मोतियाबिंद के खतरे
मोतियाबिंद में आंखों का लेंस धुंधला हो जाता है। यह उम्र बढ़ने पर सामान्य समस्या है, लेकिन समय पर इलाज जरूरी है वरना दृष्टि खो सकती है।
काला मोतिया के लक्षण
काला मोतिया में आंखों में दबाव बढ़ जाता है, जिससे रोशनी स्थायी रूप से जा सकती है। इसकी जांच और शुरुआती इलाज जरूरी है।
न करें नजरअंदाज
धुंधलापन, रात में दिखने में परेशानी, रंग पहचानने में दिक्कत जैसे लक्षणों को हल्के में न लें। ये गंभीर आंख रोगों के संकेत हो सकते हैं।
सालाना जांच क्यों जरूरी?
हर साल एक बार आंखों की जांच कराना 40 की उम्र के बाद अनिवार्य है। इससे गंभीर बीमारियों का समय पर पता लगाकर इलाज हो सकता है।
धूप से करें आंखों की सुरक्षा
धूप में निकलते समय यूवी प्रोटेक्शन वाले सनग्लासेज का इस्तेमाल करें। सूरज की किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और बीमारी बढ़ा सकती हैं।
खानपान और लाइफस्टाइल का असर
स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद और स्क्रीन टाइम में संतुलन रखना आंखों की सेहत को बेहतर बनाता है। जीवनशैली का सीधा असर आंखों पर होता है।
आंखों में कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें। समय पर इलाज न करवाने से आंखों की रोशनी स्थायी रूप से जा सकती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com