ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान कैसे करें?

By Aditya Bharat
30 Apr 2025, 17:45 IST

ऑस्टियोपोरोसिस को 'साइलेंट डिजीज' कहा जाता है, क्योंकि इसके शुरुआती चरण में कोई लक्षण नजर नहीं आते। हड्डी टूटने के बाद ही इसका पता चलता है। तो आइए डॉक्टर अभिषेक वैश से जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में।

महिलाओं को है ज्यादा खतरा

मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डियों की डेंसिटी तेजी से घटती है। इसी कारण महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्यादा होता है।

पीठ दर्द का कारण

स्पाइन की कमजोर हड्डियां चटकने या कंप्रेस होने लगती हैं, जिससे लगातार पीठ दर्द होता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस का एक प्रमुख लक्षण है।

धीरे-धीरे घटता कद

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण वर्टिब्रा कंप्रेस हो जाती हैं। इससे शरीर की लंबाई कम होने लगती है और व्यक्ति पहले से छोटा दिखने लगता है।

पोस्चर में बदलाव

हड्डियों के कमजोर होने से रीढ़ की हड्डी झुकने लगती है। इस कारण व्यक्ति के खड़े होने और चलने के पोस्चर में साफ बदलाव नजर आता है।

मामूली चोट में भी फ्रैक्चर

अगर मामूली गिरने या टक्कर से हड्डी टूट रही है, तो यह ऑस्टियोपोरोसिस का संकेत हो सकता है। कमजोर हड्डियां जल्दी चटकती हैं।

हड्डियों की रचना में बदलाव

ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों की रिमॉडलिंग प्रोसेस गड़बड़ा जाती है। नई हड्डी बनने की तुलना में ज्यादा हड्डी टूटती है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं।

कैसे करें बचाव?

कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर आहार लें, नियमित व्यायाम करें, धूप लें और बोन डेंसिटी टेस्ट कराते रहें। ये उपाय ऑस्टियोपोरोसिस से बचा सकते हैं।

अगर लगातार पीठ दर्द हो, कद घटे या हड्डी बार-बार टूटे, तो तुरंत ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से संपर्क करें और सही जांच व इलाज कराएं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com