कई बार ऐसा होता है कि मन उल्टी जैसा होने लगता है, लेकिन कोई बुखार, दर्द या खास बीमारी नहीं होती। क्या ये चिंता की बात है? आइए NIH की स्टडी से जानते हैं।
शरीर ठीक है, फिर मितली क्यों?
जब जांच रिपोर्टें नॉर्मल होती हैं और फिर भी बार-बार उल्टी जैसा मन होता है, तो इसे “फंक्शनल नॉशिया” या “इडियोपैथिक नॉशिया” कहा जाता है। यानी लक्षण हैं, लेकिन साफ कारण नहीं दिखता।
पेट की गड़बड़ी
कुछ लोगों का पेट जल्दी या बहुत धीरे खाली होता है। इससे मितली जैसा अहसास बना रहता है। इसे Gastroparesis या Rapid Gastric Emptying कहते हैं।
तनाव और चिंता का असर
मानसिक तनाव, एंग्जायटी या डिप्रेशन भी बिना किसी वजह के मितली जैसा महसूस करवा सकते हैं। दिमाग और पेट के बीच सीधा रिश्ता होता है।
हार्मोनल बदलाव
खासकर महिलाओं में पीरियड्स या हार्मोनल बदलाव के दौरान उल्टी जैसा मन होना आम बात है। यह पूरी तरह शारीरिक प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है।
नींद और थकावट
लगातार नींद की कमी या शरीर के थकने से भी उल्टी जैसा मन हो सकता है। शरीर जब थका होता है, तो पाचन पर असर पड़ता है।
छुपी हुई एलर्जी
कभी-कभी किसी खाने की चीज से शरीर को हल्की एलर्जी या संवेदनशीलता होती है, जो बार-बार मितली पैदा कर सकती है। जैसे दूध, ग्लूटन, या मसालेदार खाना।
आदत भी बन सकती है
अगर लंबे समय से यह लक्षण चल रहा है, तो दिमाग इसे “नॉर्मल” समझने लगता है। यानी शरीर को अब उल्टी जैसा मन होना एक पैटर्न लगने लगता है।
अगर टेस्ट नॉर्मल हैं और लक्षण बने रहते हैं, तो डॉक्टर से बात करें। इलाज में तनाव कम करने की तकनीक, खानपान का ध्यान और कभी-कभी दवाइयां भी शामिल हो सकती हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com