आजकल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, कई लोगों को कम उम्र में ही चश्मा लगने लगा है। उनकी आंखों का नंबर माइनस या प्लस हो सकता है, जिससे चीजों को साफ देखना मुश्किल हो जाता है।
एक्सपर्ट की राय
आइए दिल्ली के एक्सेल आई क्लिनिक की आई स्पेशलिस्ट और सर्जन डॉ. अनीशा सेठ गुप्ता से जानते हैं आंख में प्लस पावर और माइनस पावर का क्या मतलब है?
माइनस पावर का क्या मतलब है?
माइनस पावर का मतलब है मायोपिया, जिसमें दूर की चीजें धुंधली दिखती हैं, जबकि पास की चीजें साफ दिखाई देती हैं। इसे ठीक करने के लिए माइनस पावर का चश्मा पहनना पड़ता है।
माइनस पावर के लक्षण
माइनस पावर के लक्षणों में दूर की चीजों को ठीक से न देख पाना, आंखों में दर्द, और बार-बार आंखों को सिकोड़ना शामिल है, जो इस समस्या का संकेत देते हैं।
प्लस पावर का क्या मतलब है?
प्लस पावर की समस्या हाइपरोपिया कहलाती है, जिसमें पास की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं, और दूर की चीजें सही तरीके से दिखाई देती हैं।
हाइपरोपिया के कारण
हाइपरोपिया के कारण पास की चीजों को देखने में कठिनाई होती है। इसके इलाज के लिए प्लस नंबर का चश्मा जरूरी होता है, जिससे पास की चीजें भी स्पष्ट दिखाई देती हैं।
प्लस पावर के लक्षण
प्लस पावर के लक्षणों में आंखों में दर्द, थकान, सिरदर्द, और पास की चीजों को न देख पाने की समस्या शामिल है, जो इस समस्या का संकेत होते हैं।
आंखों की पावर को सुधारने के लिए क्या करें?
आंखों की पावर को सुधारने के लिए, चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग किया जाता है। यह डायोप्टर के माध्यम से मापा जाता है, जिसमें माइनस और प्लस पावर के निशान होते हैं।
हेल्दी डाइट
आंखों की सेहत बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, जैसे विटामिन-ए, सी, और ई से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए, ताकि आंखों को सही पोषण मिल सके।
नियमित एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और स्क्रीन टाइम को सीमित करने से भी आंखों की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com