कान में तेल डालना एक आम घरेलू उपाय है। लेकिन, आयुर्वेद और एलोपैथी में इसके बारे में अलग-अलग मत हैं।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर हम सफदरजंग अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ अंकुर गुप्ता से जानते हैं कि क्या कान में तेल डालना सही है?
आयुर्वेद के अनुसार
आयुर्वेद के अनुसार, कान में तेल डालना कान की सर्विसिंग कराने जैसा है, जो कान को नमी प्रदान करता है और गंदगी को निकालने में मदद करता है।
कान में कौनसा तेल डालें?
आयुर्वेद की मानें तो, कान में सरसों का तेल, नारियल का तेल, कर्ण बिंदू तेल और अणु तेल डालना चाहिए।
कान में तेल डालने का तरीका
कान में तेल डालने से पहले तेल को हल्का गर्म करना चाहिए और फिर रूई को तेल में भिगोकर कान में डालना चाहिए।
कान में तेल कैसे डालें?
कान में तेल डालने का सही तरीका यह है कि आप ड्रॉपर की मदद से भी कान में तेल डाल सकते हैं।
कान में तेल कितनी बार डालें?
आयुर्वेद के अनुसार, कान में 15 दिनों में एक बार या हफ्ते में एक बार तेल डालना चाहिए।
एलोपैथी के अनुसार
एलोपैथी की मानें तो, कान में तेल बिल्कुल नहीं डालना चाहिए। इससे कान में बाहर की गंदगी जमा हो सकती है।
बीमारियों का खतरा
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ अंकुर गुप्ता के अनुसार, कान में तेल डालने से कानों में लंबे समय तक नमी बनी रहती है, जो कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकती है।
सुनने की क्षमता पर प्रभाव
कान में गर्म तेल डालना बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे कान के परदे फट सकते हैं और सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
अगर आपको कान से संबंधित कोई समस्या है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com