कई लोग कहते हैं कि लोहे के बर्तन में खाना बनाओ, शरीर को आयरन मिलेगा। क्या ये बात सिर्फ परंपरा है या इसके पीछे साइंस भी है? आइए PubMed की रिपोर्ट से समझते हैं।
साइंस क्या कहती है?
कई स्टडीज ने ये साफ किया है कि लोहे के बर्तन में पकाए गए खाने में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है।
आयरन कैसे जाता है खाने में?
जब खाना, खासकर खट्टे या पानी वाले व्यंजन, लोहे के बर्तन में पकते हैं, तो थोड़ी मात्रा में आयरन बर्तन से निकलकर खाने में मिल जाता है।
किस तरह के खाने में ज्यादा असर?
टमाटर, इमली, नींबू जैसे खट्टे पदार्थ या ज्यादा पानी वाले व्यंजन जैसे सांभर, दाल और करी में ये असर ज्यादा देखा गया है।
कितना आयरन मिलता है?
अध्ययनों के अनुसार, कुछ व्यंजनों में आयरन की मात्रा 16% तक बढ़ सकती है। यानी ये मात्रा शरीर के लिए फायदेमंद हो सकती है।
क्या इससे शरीर में आयरन भी बढ़ता है?
हां, स्टडीज दिखाती हैं कि अगर नियमित रूप से ऐसा खाना खाया जाए तो हीमोग्लोबिन का स्तर धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
सबके लिए सुरक्षित है?
लोहे के बर्तन का इस्तेमाल ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है। लेकिन जिन लोगों को आयरन ओवरलोड की बीमारी है, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
सही इस्तेमाल कैसे करें?
लोहे की कढ़ाही या तवे को ठीक से साफ करें, रगड़ें और सुखाएं। खाना पकाने के बाद जल्दी निकाल लें ताकि ज्यादा आयरन न घुले।
लोहे के बर्तन में खाना पकाना न सिर्फ एक परंपरा है, बल्कि आयरन की कमी से बचने का एक आसान तरीका भी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com