क्या आप रोज देर तक जागते हैं या नींद पूरी नहीं कर पाते? कहीं यह आदत डायबिटीज का कारण न बान जाए? आइए जानते हैं।
नींद और शरीर का रिश्ता
नींद सिर्फ थकान मिटाने के लिए नहीं होती। जब हम सोते हैं, तब शरीर में कई जरूरी हार्मोन बनते हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं।
रिसर्च क्या कहती है?
PubMed पर मौजूद स्टडीज के अनुसार, जो लोग रोज 5-6 घंटे या उससे कम सोते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है।
कम नींद से इंसुलिन पर असर
जब नींद पूरी नहीं होती, तो शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी घट जाती है। इसका मतलब है कि शरीर ब्लड में मौजूद ग्लूकोज को सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता।
नींद की गड़बड़ी और ब्लड शुगर
बार-बार नींद का टूटना या अनियमित सोने का समय भी ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। यह धीरे-धीरे डायबिटीज का कारण बन सकता है।
मोटापा और नींद की कमी
कम नींद से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन एक्टिव हो जाते हैं। इससे वजन बढ़ता है, और मोटापा डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है।
युवा भी नहीं हैं सुरक्षित
आजकल युवा भी देर रात तक स्क्रीन पर रहते हैं और नींद पूरी नहीं करते। इससे डायबिटीज का खतरा कम उम्र में भी बढ़ सकता है।
क्या करें?
हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। सोने का समय तय करें और सोने से पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं।
सिर्फ नींद पूरी करना भी एक हेल्दी आदत है। यह आपको ना सिर्फ डायबिटीज से बचा सकती है, बल्कि दिल और दिमाग को भी स्वस्थ रखती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com