आंखों में सूखापन, जलन, और खुजली ड्राई आई के लक्षण हो सकते हैं। कई लोग राहत के लिए आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या ये सुरक्षित है? आइए नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ विनीत माथुर से जानते हैं इसका जवाब।
ड्राई आंखों के आम कारण
उम्र बढ़ना, स्क्रीन टाइम, धूल, धुआं, एयर कंडीशनिंग और पानी की कमी जैसे कारण आंखों की नमी को कम कर ड्राईनेस की समस्या बढ़ा सकते हैं।
मेडिकल कंडीशंस से असर
डायबिटीज, थायराइड, ऑटोइम्यून डिजीज और कुछ दवाएं भी आंखों की ड्राईनेस को बढ़ा सकती हैं। इसलिए मेडिकल हिस्ट्री जानना जरूरी है।
कॉन्टैक्ट लेंस और धूप का असर
लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेंस पहनना और धूप में ज्यादा रहना भी आंखों को रूखा बना सकता है। इससे जलन और पानी निकलने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
बिना डॉक्टर के आई ड्रॉप्स
नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार, बिना सलाह के आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। हर ड्रॉप की जरूरत आंखों की स्थिति पर निर्भर करती है।
ओवर-द-काउंटर ड्रॉप्स का खतरा
बिना जांच के खरीदी गई आई ड्रॉप्स में मौजूद केमिकल्स आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक्सपायरी डेट या कैप न देखना इन्फेक्शन का कारण बन सकता है।
कितनी बार लगाएं ड्रॉप्स?
डॉक्टर्स के मुताबिक, दिन में 4 बार से ज्यादा आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ज्यादा ड्रॉप्स आंखों की नेचुरल प्रोटेक्शन को बिगाड़ सकते हैं।
सही तरीका क्या है?
आई ड्रॉप्स केवल डॉक्टर की सलाह पर ही उपयोग करें। सही ब्रांड, मात्रा और इस्तेमाल की विधि से ही ड्राईनेस में राहत मिल सकती है, वरना नुकसान हो सकता है।
पर्याप्त पानी पिएं, स्क्रीन टाइम कम करें, धूप में चश्मा पहनें और समय-समय पर आंखों की जांच कराएं। ड्राईनेस से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल जरूरी है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com