आज के समय में मीठा हर किसी को पसंद होता है, लेकिन सेहत के लिहाज से यह जानना जरूरी है कि मिश्री और चीनी में से कौन सा विकल्प बेहतर है। आइए आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी से जानते हैं इस बारे में।
चीनी या मिश्री?
आयुर्वेदाचार्य राहुल चतुर्वेदी के अनुसार, चीनी और मिश्री दोनों ही हमारे भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं। लेकिन मिश्री को स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर माना जाता है। मिश्री इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होती है।
गले और खांसी में मिश्री
मिश्री को चूसने से गले की खराश और खांसी में काफी राहत मिलती है। यह एक प्राकृतिक उपाय है, जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए सुरक्षित और असरदार माना जाता है।
मिश्री से वजन नियंत्रण
चीनी के अधिक सेवन से वजन तेजी से बढ़ सकता है, जबकि मिश्री के सीमित और सही इस्तेमाल से वजन को संतुलित रखा जा सकता है। यह वजन बढ़ाने के बजाय सेहतमंद एनर्जी प्रदान करती है।
मिश्री के औषधीय उपयोग
मिश्री को आंवला चूर्ण या इलायची के साथ मिलाकर खाने से सिरदर्द, मुंह के छाले और गले की खराश में राहत मिलती है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर को ठंडक देने का भी काम करती है।
अच्छी नींद के लिए मिश्री
रात को दूध में मिश्री मिलाकर पीने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है। केसर और मिश्री मिलाकर पीने से एनर्जी बढ़ती है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।
चीनी कैसे बनती है?
चीनी को गन्ने से निकालकर मिल में रसायनों की मदद से रिफाइन किया जाता है। इस प्रक्रिया में कई केमिकल्स जुड़ते हैं, जिससे चीनी शुद्ध नहीं रहती और शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
मिश्री कैसे बनती है?
मिश्री को गन्ने के रस से बने शुगर सिरप को ठंडा करके तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में हानिकारक रसायन पानी के साथ बाहर निकल जाते हैं, जिससे मिश्री ज्यादा शुद्ध और सुरक्षित होती है।
इन दोनों में मिश्री, चीनी की तुलना में सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com