आजकल कई लोग फिटनेस और डिटॉक्स के नाम पर सुबह के नाश्ते में सिर्फ फल खाना पसंद करते हैं। सोशल मीडिया पर भी यह आदत ट्रेंड बन चुकी है। लेकिन क्या यह तरीका सेहत के लिए वाकई सही है, या फिर बस दिखावे की आदत? आइए जानते हैं।
फल खाने के फायदे
फल विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। ये शरीर को ताजगी देते हैं और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं। इन्हें डाइट में शामिल करना जरूरी है, लेकिन क्या सिर्फ इन्हीं से दिन की शुरुआत होनी चाहिए?
नाश्ते की असली भूमिका
सुबह का खाना पूरे दिन की एनर्जी तय करता है। इस समय शरीर को ऐसे पोषक तत्व चाहिए होते हैं जो देर तक पेट भरे रखें और दिमाग को एक्टिव बनाएं। केवल फल खाने से ये जरूरी पोषण नहीं मिल पाता।
सिर्फ फल क्यों नहीं काफी हैं?
जब नाश्ते में केवल फल खाए जाते हैं, तो शरीर को प्रोटीन और हेल्दी फैट्स नहीं मिलते। इससे थोड़ी देर में दोबारा भूख लग सकती है, और थकान या चिड़चिड़ापन भी महसूस हो सकता है।
ब्लड शुगर पर असर
फल में नेचुरल शुगर होती है। खाली पेट इन्हें खाने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है, फिर अचानक गिर सकता है। इससे दिनभर थकावट और ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है।
रिसर्च क्या कहती है?
PubMed की एक स्टडी बताती है कि नाश्ते में सिर्फ फल खाना पोषण की दृष्टि से अधूरा माना जाता है। लंबे समय तक ऐसा करना शरीर को जरूरी अमीनो एसिड्स और फैटी एसिड्स से वंचित रखता है।
किन्हें सावधानी बरतनी चाहिए?
डायबिटीज, हाइपोथायरॉइडिज्म या एसिडिटी की समस्या वालों को सुबह खाली पेट सिर्फ फल नहीं खाने चाहिए। कुछ लोगों को इससे गैस, सीने में जलन या कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
संतुलित नाश्ते का विकल्प
फल जरूर खाएं, लेकिन इन्हें दही, अंडे, ओट्स, मूंगफली या नट्स के साथ मिलाकर खाएं। इससे नाश्ता स्वादिष्ट भी बनता है और पोषण भी पूरा होता है।
फल सेहत का जरूरी हिस्सा हैं, लेकिन सुबह का नाश्ता सिर्फ इन्हीं पर छोड़ देना समझदारी नहीं है। बेहतर है कि आप फल के साथ बाकी पोषक तत्वों को भी शामिल करें ताकि आपका दिन एक्टिव और एनर्जेटिक बने। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com