यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन के टूटने से बनता है। असंतुलित खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली से इसका स्तर बढ़ सकता है, जो जोड़ों में दर्द और परेशानी का कारण बनता है। आइए डाइटिशियन डॉ. वी डी त्रिपाठी से जानते हैं करी पत्ते से यूरिक एसिड कैसे कंट्रोल करें।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण
जोड़ों में सूजन, दर्द और हड्डियों में कमजोरी। अगर समय पर न सुधारा जाए तो गठिया और किडनी की बीमारियां भी हो सकती हैं।
करी पत्ते का महत्व
करी पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो यूरिक एसिड और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
करी पत्ते कैसे काम करते हैं?
करी पत्ते प्यूरीन को पचाने में मदद करते हैं, जिससे यूरिक एसिड का लेवल घटता है और जोड़ों का दर्द कम होता है।
करी पत्ते के अन्य फायदे
करी पत्ता यूरिया और क्रिएटिनिन के लेवल को भी कंट्रोल करता है, जिससे किडनी स्वस्थ रहती है और यूरिक एसिड संतुलित रहता है।
करी पत्ते का सेवन कैसे करें?
करी पत्ते को दाल में मिलाकर खाने से प्यूरीन की मात्रा कम होती है और यूरिक एसिड नियंत्रण में रहता है।
करी पत्ते का पाउडर उपयोग करें
करी पत्ते का पाउडर भी यूरिक एसिड कम करने में फायदेमंद है। इसे नियमित मात्रा में लेने से असर होता है।
सावधानी और डॉक्टर से सलाह
करी पत्ते का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें, ताकि सही मात्रा और तरीका पता चल सके।
खानपान में संतुलन रखें, अधिक पानी पिएं और नियमित व्यायाम से यूरिक एसिड को नियंत्रित रखें। करी पत्ता मददगार है, पर पूरा तरीका जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com