डायबिटीज और प्रीडायबिटीज, दोनों ब्लड शुगर से जुड़ी स्थितियां हैं। इनका समय रहते पता लगाना और सही कदम उठाना बेहद जरूरी होता है। आइए डायबेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अल्तमेश से जानें दोनों में क्या फर्क है?
इंसुलिन का काम क्या है?
इंसुलिन शरीर में ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाने में मदद करता है। इसकी कमी या असर न होने पर शुगर बढ़ने लगती है।
डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज में ब्लड शुगर बहुत ज्यादा हो जाता है। यह लंबे समय तक कंट्रोल में न रहे तो किडनी, दिल और आंखों पर असर डाल सकता है।
क्या होती है प्रीडायबिटीज?
प्रीडायबिटीज वह स्थिति है जब ब्लड शुगर सामान्य से ज्यादा होता है लेकिन डायबिटीज जितना नहीं। सही समय पर सावधानी से रोग रोका जा सकता है।
डायबिटीज के लक्षण
लगातार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, भूख बढ़ना, थकान, धुंधला दिखाई देना और घाव का देर से भरना डायबिटीज के आम लक्षण होते हैं।
खाली पेट टेस्ट
100–125 mg/dL फास्टिंग लेवल प्रीडायबिटीज दर्शाता है। 126 mg/dL या अधिक डायबिटीज की पुष्टि करता है। टेस्ट 8 घंटे उपवास के बाद होता है।
भोजन के बाद की जांच
खाने के 2 घंटे बाद शुगर 140–199 mg/dL हो तो प्रीडायबिटीज, 200 mg/dL या उससे ज्यादा डायबिटीज मानी जाती है। यह एक जरूरी जांच है।
HbA1c टेस्ट
5.7–6.4% HbA1c प्रीडायबिटीज का संकेत है, जबकि 6.5% या इससे ज्यादा डायबिटीज की पुष्टि करता है। यह टेस्ट दीर्घकालीन ब्लड शुगर बताता है।
हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रित रखना और समय-समय पर जांच कराना प्रीडायबिटीज से डायबिटीज में जाने से रोक सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com