राजस्थान के सीकर में 9 साल की प्राची की हार्ट अटैक से मौत हो गई। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार में हार्ट अटैक को मौत का करण बताया है। अब सवाल उठता है कि क्या बच्चों में हार्ट अटैक आम क्यों हो रहे हैं? आइये जानते है कुछ कारण।
दिल की बीमारियां
कुछ बच्चों का दिल जन्म से ठीक तरह से विकसित नहीं होता। ऐसे मामलों में दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक हो सकता है।
इंफेक्शन भी हो सकती है वजह
कभी-कभी वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन दिल को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
खराब लाइफस्टाइल
फास्ट फूड, मोटापा और कम शारीरिक गतिविधि बच्चों के दिल को कमजोर बना सकते हैं। ये आदतें धीरे-धीरे खतरा बढ़ाती हैं।
जेनेटिक कारण
अगर परिवार में हार्ट डजीज का इतिहास है, तो बच्चों में भी इसका खतरा हो सकता है। ऐसी स्थिति में समय पर इलाज जरूरी है।
बच्चों में हार्ट अटैक
Medical News Today की एक स्टडी के अनुसार बच्चों में हार्ट अटैक आना दुर्लभ है, लेकिन यह पूरी तरह असंभव नहीं है और पिछले कुछ वर्षों में कुछ चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं जो इसे चिंता का कारण बनाते हैं।
बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण
बच्चों में हार्ट अटैक आने से पहले कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, थकान और त्वचा का नीला पड़ना। इनके अलावा बेहोशी और उल्टी जैसे लक्षण भी शामिल हो सकते हैं।
बच्चों की सुरक्षा कैसे करें?
संतुलित खाना, एक्सरसाइज और नियमित हेल्थ चेकअप से बच्चों के दिल को मजबूत बनाया जा सकता है। इसी के साथ स्क्रीन टाइम भी कम करना चाहिए।
प्राची की कहानी दिल तोड़ने वाली है, लेकिन यह हमें जागरुक भी करती है। अगर आपके घर में मौजूद बच्चों में हार्ट अटैक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com