स्किन कैंसर तब होता है जब त्वचा की सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। यह समस्या ज्यादातर शरीर के उन हिस्सों में होती है, जो अक्सर सूरज की किरणों के संपर्क में आते हैं, जैसे - चेहरा, हाथ, गर्दन और पैर। ऐसे में आइए डॉ. पंकज कुमार पांडे से जानते हैं स्किन कैंसर के लक्षणों के बारे में।
भारत में स्किन कैंसर के मामले
पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में स्किन कैंसर के मामले कम हैं, लेकिन हाल के वर्षों में इनमें तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। खासतौर पर उत्तर-पूर्वी भारत में इसकी दर ज्यादा पाई गई है। बदलती जीवनशैली और बढ़ते प्रदूषण के कारण इस बीमारी का खतरा अब और भी ज्यादा हो गया है।
स्किन कैंसर के लक्षण
त्वचा पर असामान्य बदलाव स्किन कैंसर का संकेत हो सकते हैं। अगर किसी तिल का रंग या आकार अचानक बदलने लगे, उस पर पपड़ी बन जाए या उसमें से खून आने लगे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कभी-कभी त्वचा पर लालिमा, खुजली या आंखों के आसपास जलन भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। अगर कोई घाव लंबे समय तक ठीक न हो, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी होता है।
किसे ज्यादा खतरा है?
गोरी त्वचा वाले लोगों में स्किन कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि उनकी त्वचा में मेलेनिन कम मात्रा में पाया जाता है। मेलेनिन सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। जो लोग लंबे समय तक धूप में रहते हैं या जिनका काम खुले में होता है, उन्हें भी इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।
स्किन कैंसर के प्रकार
स्किन कैंसर के तीन मुख्य प्रकार होते हैं। बेसल सेल कार्सिनोमा सबसे आम होता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा थोड़ा ज्यादा आक्रामक होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है। मेलेनोमा सबसे खतरनाक प्रकार माना जाता है, क्योंकि यह बहुत तेजी से फैलता है और गंभीर परेशानियां पैदा कर सकता है।
स्किन कैंसर के कारण
सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें स्किन कैंसर का सबसे बड़ा कारण हैं। बार-बार सनबर्न होना या बिना सुरक्षा के लंबे समय तक धूप में रहना इस बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, अगर परिवार में किसी को स्किन कैंसर हो चुका है, तो अनुवांशिक रूप से इसका जोखिम और ज्यादा बढ़ जाता है।
स्किन कैंसर से बचाव कैसे करें?
स्किन कैंसर से बचाव के लिए धूप में निकलते समय सावधानी बरतना जरूरी है। त्वचा को धूप से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। हल्के रंग के और पूरी बाजू के कपड़े पहनने से भी त्वचा को सुरक्षित रखा जा सकता है। गर्मी के मौसम में दोपहर के समय बाहर जाने से बचना चाहिए और शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी होता है।
स्किन कैंसर का इलाज
अगर स्किन कैंसर का सही समय पर पता लग जाए, तो इसका इलाज संभव है। इस बीमारी के इलाज के लिए अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और फोटोडायनेमिक थेरेपी शामिल हैं।
स्किन कैंसर से बचाव और इसके शुरुआती लक्षणों की पहचान करना बेहद जरूरी है। अगर त्वचा पर कोई असामान्य बदलाव नजर आए, तो इसे अनदेखा न करें। जितनी जल्दी इसका इलाज शुरू किया जाएगा, उतनी ही जल्दी ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com