जबड़ा कैंसर एक खतरनाक बीमारी है जिसमें जबड़े की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती हैं। यह खाने, बोलने और चेहरे की गतिविधियों को प्रभावित करता है। आइए ऑनकोलॉजिस्ट डॉ. अरूण सिंह से जानते हैं इसके लक्षण।
प्रमुख कारण और जोखिम
तंबाकू, अल्कोहल, मुंह की खराब सफाई, HPV वायरस, या पारिवारिक इतिहास जबड़े के कैंसर के प्रमुख कारण हो सकते हैं। सावधानी और जांच जरूरी है।
शुरुआती लक्षणों की पहचान
लगातार जबड़े में दर्द, गांठ, सूजन, या चबाने-निगलने में दिक्कत - ये सभी शुरुआती संकेत हो सकते हैं। इन लक्षणों को हल्के में न लें।
मुंह से दुर्गंध आना
ओरल हाइजीन के बावजूद लगातार बदबू आना ट्यूमर का संकेत हो सकता है। यह इंफेक्शन या टिशू डैमेज का नतीजा भी हो सकता है।
बोलने में परेशानी
बोलने में बदलाव, शब्दों का अस्पष्ट उच्चारण या आवाज में फर्क - ये सभी संकेत हो सकते हैं कि जबड़े की नसें या मांसपेशियां प्रभावित हो रही हैं।
चेहरे की बनावट में बदलाव
जबड़ा बदलने से चेहरे का शेप भी बदल सकता है। चेहरे की असमानता, सूजन या गांठ दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
जांच और पहचान
बायोप्सी, MRI, CT स्कैन आदि से कैंसर की पुष्टि होती है। जितनी जल्दी पहचान होगी, इलाज उतना ही सफल हो सकता है।
इलाज के विकल्प
सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी, टारगेट थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी - कैंसर की स्टेज के अनुसार इलाज तय किया जाता है। सही इलाज से जीवन संभव है।
अगर जबड़े में दर्द, गांठ या असामान्य बदलाव दिखें तो देरी न करें। समय पर जांच और इलाज से जान बचाई जा सकती है। सतर्क रहना ही सुरक्षा है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com