मानसून में भीगे चने और अंकुरित अनाज खाने के नुकसान

By Aditya Bharat
10 Jul 2025, 06:00 IST

मानसून में सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। आमतौर पर लोग भीगे चने और अंकुरित अनाज हेल्दी मानते हैं। लेकिन बारिश के मौसम में ये फायदेमंद से ज्यादा नुकसानदायक हो सकते हैं। आइए PubMed की रिपोर्ट से जानें इसके नुकसान।

बैक्टीरिया का खतरा

मानसून में हवा में नमी बहुत ज्यादा होती है। इस वजह से भीगे या अंकुरित अनाज जल्दी खराब होने लगते हैं। इनमें हानिकारक बैक्टीरिया और फफूंद पनप सकते हैं।

फूड पॉइजनिंग का खतरा

भीगे चने और अंकुरित अनाज अगर सही तरीके से स्टोर न किए जाएं, तो इनमें ई. कोलाई और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग हो सकती है।

मायकोटॉक्सिन्स से गंभीर बीमारियां

बारिश के मौसम में फफूंद लगने की संभावना ज्यादा होती है। यह फफूंद मायकोटॉक्सिन्स पैदा करती है, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं और लंबे समय में कैंसर तक का कारण बन सकती हैं।

पोषक तत्व

भीगे हुए चने या अंकुरित दालों में फाइटिक एसिड और लैक्टिन जैसे तत्व होते हैं। ये शरीर में आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे मिनरल्स के अवशोषण को रोकते हैं।

गैस और अपच की समस्या

भीगे चने और अंकुरित अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं। मानसून में जब पाचन कमजोर होता है, तब इनका ज्यादा सेवन गैस, भारीपन और अपच का कारण बनता है।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए जोखिम

बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में मानसून में अंकुरित या अधपके अनाज खाने से उनका शरीर जल्दी बीमार पड़ सकता है।

सावधानी से खाएं

अगर आप भीगे अनाज को ठीक से उबालकर या हल्का पकाकर खाते हैं, तो नुकसान कम हो सकता है। सही तापमान पर स्टोर करना भी बहुत जरूरी है।

स्वस्थ रहने के लिए मानसून में कच्चे या अधपके अंकुरित अनाज से बचें। गर्म पकी हुई चीजें और सुपाच्य भोजन इस मौसम में ज्यादा फायदेमंद होता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com