योग और प्राणायाम दोनों ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। लेकिन, इन दोनों में फर्क होता है। आइए इनके बीच के अंतर को समझते हैं।
योग और प्राणायाम
योग में शारीरिक मुद्राएं (आसन), ध्यान, और सांसों का संयोजन होता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है और मानसिक शांति मिलती है, जबकि प्राणायाम सिर्फ श्वास को नियंत्रित करने की प्रक्रिया है।
प्राणायाम
प्राणायाम योग का ही एक भाग है। लेकिन, यह केवल सांस लेने और छोड़ने की तकनीकों पर आधारित होता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और मन शांत होता है।
योग
योग का अभ्यास करने से शरीर लचीला बनता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं, वहीं प्राणायाम से मानसिक संतुलन और तनाव में राहत मिलती है।
योग और प्राणायाम में अंतर
योग करने में समय और स्थान की जरूरत होती है। इसमें पूरे शरीर की भागीदारी होती है, जबकि प्राणायाम किसी भी शांत जगह बैठकर आसानी से किया जा सकता है।
योगासन के नाम
योग में अलग-अलग तरह के आसन होते हैं, जैसे ताड़ासन, भुजंगासन या वृक्षासन, जिनसे शरीर को संतुलन और ताकत मिलती है।
प्राणायाम में क्या-क्या शामिल हैं?
प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका जैसे सांस के अभ्यास शामिल होते हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
मानसिक शांति
योग में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को ध्यान में रखा जाता है, जबकि प्राणायाम खास तौर पर मानसिक तनाव, चिंता और सांस से जुड़ी समस्याओं में असरदार होता है।
शरीर की स्थिरता बढ़ना
प्राणायाम से हमारे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे ध्यान लगाना आसान हो जाता है, जबकि योग से शरीर को स्थिरता और आत्मा को जागरूकता मिलती है।
अगर आप शुरुआत करना चाहते हैं तो पहले हल्के योग आसनों से शुरू करें और धीरे-धीरे प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com