शरीर को फिट और हेल्दी रखने के लिए योग करना सबसे प्रभावी और अच्छा ऑप्शन होता है। इसे करने से शरीर फ्लेक्सिबल और ताकतवर रहता है। पूरे शरीर को फिट रखने के लिए हम आपको आज एक योगासन के बारे में बताएंगे। इस 1 आसान से योगासन को करने से शरीर का हर अंग स्ट्रांग रहेगा।
दंडासन
दंडासन एक आसान और असरदार योग मुद्रा है, इसे करने से शरीर की ताकत के साथ फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है। यह अष्टांग योग की सबसे पहली मुद्रा होती है, जिसे करने से पूरे शरीर को फायदे मिलते हैं।
रीढ़ की हड्डी के लिए दंडासन
गलत पॉश्चर में बैठने से और लगातार स्क्रीन में काम करने से रीढ़ की हड्डी कमजोर हो जाती है। इसे करने से स्पाइन फ्लेक्सिबल होती है, जिससे पीठ का दर्द कम होने के साथ हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
फेफड़ों के लिए दंडासन
सांस की परेशानी है, तो दंडासन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसे करने से लंग्स की कैपेबिलिटी बढ़ती है और डायफ्राम ओपन होता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है।
साइटिका के दर्द के लिए योग
साइटिका के दर्द से चलने फिरने में परेशानी हो सकती है। दंडासन करने से पैरों, जांघ और लोअर बॉडी की मसल्स स्ट्रांग होती है, जिससे साइटिका के दर्द से आराम मिलता है।
मेंटल पीस के लिए दंडासन
दंडासन करने से न सिर्फ शरीर, बल्कि मेंटल हेल्थ भी अच्छा होता है। इसको करने से स्ट्रेस कम होता है और मन रिलैक्स रहता है। यह स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल को कम करने में मदद करता है।
अस्थमा के मरीजों के लिए दंडासन
दंडासन करने से फेफड़ें स्ट्रांग होतें, जिससे अस्थमा के मरीजों को आराम मिलता है। इससे सांस लेने में आसानी होती है और अस्थमा अटैक का जोखिम कम होता है। यह शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई अच्छा करता है।
दंडासन करने का सही तरीका
इसे करने के लिए मैट पर सीधे बैठें और पैरों को सीधा करें। इसके बाद पैरों की उंगलियों को बॉडी की ओर खींचें और थाई को फर्श पर दबाएं। हाथों को सीधा करके फर्श पर रखें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
दंडासन में सावधानी
हाई ब्लड प्रेशर, पीठ दर्द और पैरों में दिक्कत हो, तो दंडासन न करें। इसे सही तरीके से करें, ताकि कोई परेशानी न हो। शुरू में इसे करने से पहले योगाचार्य या एक्सपर्ट की देखरेख में इसे करें।
आप भी दंडासन का अभ्यास करें और अपने पूरे शरीर को स्वस्थ रखें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com.