पार्किंसन एक दिमाग से जुड़ी बीमारी है, जो ज्यादातर 50 साल की उम्र के बाद लोगों को होती है। लेकिन, कुछ मामलों में यह 40 या उससे कम उम्र में भी हो सकती है।
एक्सपर्ट की राय
इसके कारणों के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने डॉ. प्रियंका सहरावत (MD, DM- Neurology, AIIMS Delhi) से बात की। आइए जानते हैं पार्किंसन के कारण और इससे जुड़ी जरूरी जानकारी।
पार्किंसन बीमारी
इस बीमारी में शरीर की मूवमेंट यानी हरकतें धीरे-धीरे कमज़ोर होने लगती हैं, जिससे चलना, बोलना और चेहरा हिलाना जैसे काम मुश्किल हो जाते हैं।
पार्किंसन रोग
पार्किंसन रोग में शुरुआत में हाथ-पैरों में कांपने की समस्या होती है और धीरे-धीरे व्यक्ति के चलने की गति भी धीमी पड़ने लगती है।
अनुवांशिक कारण
जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को यह बीमारी हुई है, उन्हें इसका खतरा ज्यादा रहता है। यह एक हद तक अनुवांशिक भी हो सकती है।
मानसिक रोग
कुछ मानसिक रोगों की दवाएं और टॉक्सिन्स जैसे कीटनाशकों का ज्यादा संपर्क भी पार्किंसन बीमारी को ट्रिगर कर सकता है।
पलकें झपकाना
पार्किंसन के मरीजों के चेहरे पर भाव कम हो जाते हैं, बोलने की आवाज धीमी हो जाती है और पलकें झपकाने की रफ्तार भी काफी कम हो जाती है।
मांसपेशियां अकड़ना
इस रोग में मांसपेशियां अकड़ जाती हैं और शरीर की लचक खत्म हो जाती है, जिससे सामान्य काम भी करने में परेशानी आने लगती है।
लगातार हाथ कांपने, धीमा चलने या बोलने में दिक्कत हो रही है, तो बिना देर किए न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com