गठिया एक जोड़ों की सूजन से जुड़ी बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद ही हड्डियों पर हमला करता है। समय के साथ यह हड्डियों और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। आइए रूमेटोलॉजिस्ट और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट डॉक्टर श्रुति बजद से जानते हैं गठिया रोग से जुड़ी सारी बातें।
गठिया की शुरुआत कैसे होती है?
गठिया की शुरुआत आमतौर पर जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न से होती है। यह घुटनों, उंगलियों, कूल्हों या कलाई में सबसे पहले असर दिखाता है और धीरे-धीरे बढ़ता है।
कौन से अंग पहले प्रभावित होते हैं?
सबसे पहले शरीर के ज्वाइंट्स प्रभावित होते हैं। खासकर घुटनों, हाथों और पैरों के जोड़ों में सूजन और दर्द शुरू होता है। उठने-बैठने में परेशानी होने लगती है।
इम्यून सिस्टम का असर
रुमेटीइड गठिया में इम्यून सिस्टम गलती से जोड़ों की अंदरूनी परत पर हमला करता है, जिससे सूजन और दर्द होता है। यह जोड़ों को समय के साथ कमजोर कर देता है।
गठिया के लक्षण
जोड़ों में सूजन, दर्द, गर्माहट, रेडनेस और चलने में कठिनाई जैसे लक्षण आम हैं। सुबह-सुबह अकड़न महसूस होना भी एक सामान्य लक्षण है।
अन्य अंगों पर असर
गठिया सिर्फ जोड़ों तक सीमित नहीं रहता। पुरानी अवस्था में यह हृदय, फेफड़े, आंखें और त्वचा जैसे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है और परेशानियां बढ़ सकती हैं।
गठिया के कारण
गठिया के पीछे जेनेटिक कारण, इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी और पर्यावरणीय फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते हैं। यह उम्र के साथ भी बढ़ सकता है।
बचाव और परहेज
विटामिन D और ओमेगा-3 से भरपूर डाइट, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली से हड्डियों को मजबूत रखा जा सकता है और गठिया की गंभीरता को रोका जा सकता है।
गठिया का जल्दी पता चलना और सही इलाज बहुत जरूरी है। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com